Himachal: मुख्यमंत्री ने दिया बादल फटने की बढ़ती घटनाओं पर अध्ययन की आवश्यकता पर बल

Edited By Kuldeep, Updated: 07 Jul, 2025 06:18 PM

shimla chief minister cloudburst study

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बादल फटने की घटनाओं पर अध्ययन करने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा कि मानसून के शुरूआती दौर में 19 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आ हैं, जो चिंताजनक है।

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बादल फटने की घटनाओं पर अध्ययन करने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा कि मानसून के शुरूआती दौर में 19 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आ हैं, जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मंडी जिले में 123 तो शिमला में 105 फीसदी अधिक बारिश हुई है, जिससे जान-माल का काफी नुक्सान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 9वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बादल फटने की बढ़ती घटनाओं से जुड़े विषय को केंद्रीय गृह मंत्री से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि अवैज्ञानिक तरीके से मलबा दबाए जाने से नुक्सान हो रहा है तथा भविष्य में इस नुक्सान को रोकने के लिए वैज्ञानिक प्रणाली अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को लोगों को नियमित मौसम संबंधी अपडेट प्रदान करने तथा सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही भ्रामक सूचनाओं का खंडन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अलर्ट जारी करने के लिए एसडीएमए एकमात्र प्राधिकरण है तथा लोगों से केवल आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करना चाहिए। उन्होंने लोगों से सुरक्षित निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नदियों और नालों से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर घर बनाने की हिदायत दी।

पालमपुर में स्थापित होगा एसडीआरएफ का नया परिसर
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा जिले के पालमपुर में एसडीआरएफ का नया परिसर स्थापित कर रही है। डा. मनमोहन सिंह हिमाचल लोक प्रशासन संस्थान, शिमला में राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान की स्थापना की जाएगी, जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला अनुसंधान और विकास कार्य करेगा।

उच्च जोखिम वाली ग्लेशियर झीलों का होगा अध्ययन
मुख्यमंत्री ने उच्च जोखिम वाली ग्लेशियर झीलों पर अध्ययन करने तथा स्थानीय समुदाय को जागरूकता अभियान में शामिल करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि आपदाएं अब लगातार होने वाली घटनाएं बन गई हैं। वर्ष, 2023 में हिमाचल प्रदेश को मानसून मौसम में भारी नुक्सान हुआ, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए।

राहत एवं पुनर्वास कार्य पर 1,260 करोड़ वितरित
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए जिला प्रशासन तथा विभिन्न विभागों को 1,260 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। इसी तरह 138 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि न्यूनीकरण कोष (मिटिगेशन फंड) के तहत प्रदान की गई है। उन्होंने सरकारी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपनी परियोजनाओं को जलधाराओं से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर स्थापित करें, ताकि नुक्सान के जोखिम को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि 891 करोड़ रुपए की आपदा जोखिम न्यूनीकरण परियोजना कार्यान्वित की जा रही है, जिसके अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सुदृढ़ किया जाएगा।

मार्च, 2030 तक सुदृढ़ होगी चेतावनी प्रणाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी पूर्व चेतावनी प्रणाली तथा सहायक शमन उपायों के माध्यम से आपदा तैयारियों को सुदृढ़ किया जाएगा, जिसे मार्च, 2030 तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान एवं मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!