Edited By Kuldeep, Updated: 11 Feb, 2025 09:02 PM
![sebi s big action bbn s ls industries promoter and 4 others banned](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_21_01_326173737banned-ll.jpg)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की एलएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इसके प्रवर्तक प्रोफाऊंड फाइनांस और चार अन्य संस्थाओं पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर रोक लगा दी है।
सोलन (ब्यूरो): भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की एलएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इसके प्रवर्तक प्रोफाऊंड फाइनांस और चार अन्य संस्थाओं पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई कंपनी के शेयरों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव और हेरफेर के आरोपों के बाद की गई है।
सेबी की रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे एक ऐसी कंपनी, जिसकी आमदनी नाममात्र की थी, उसकी बाजार में कुल वैल्यूएशन 5,500 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। इसका संज्ञान लेते हुए सेबी ने जांच शुरू की थी। जिसमें कई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। सेबी की जांच में खुलासा हुआ कि 23 जुलाई 2024 से दो महीनों के भीतर एलएस इंडस्ट्रीज के शेयर का मूल्य 22.50 रुपए से 267.50 रुपए तक पहुंच गया था, जो 1,089 प्रतिशत की वृद्धि थी। हालांकि नवम्बर 2024 तक यह गिरकर 42.39 रुपए हो गया। इसके बाद दिसम्बर 2024 में यह 136.87 रुपए तक बढ़ा लेकिन फरवरी 2025 में फिर 67.95 रुपए पर आ गया।
सेबी ने सुरेश गोयल, अलका साहनी, शशिकांत साहनी एचयूएफऔर जेपीपी को भी अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है। नियामक ने संस्थाओं को सभी प्रासंगिक जानकारी प्रस्तुत करके सेबी की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। यह मामला एलएस इंडस्ट्रीज से संबंधित है और इसके प्रमुख सहयोगी नगण्य राजस्व और वित्तीय अस्थिरता के बावजूद कंपनी के शेयर मूल्य को कृत्रिम रूप से बढ़ाने में शामिल थे।
सेबी के स्थाई सदस्य अश्विनी भाटिया द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि इस मामले की विस्तृत जांच तेजी से की जाएगी। इसे 15 मई 2025 तक पूरा किया जाएगा। साथ ही, 1.14 करोड़ रुपए की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया गया। सेबी ने निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि बाजार कभी-कभी उदार हो सकता है, लेकिन इतना उदार नहीं कि अवास्तविक लाभ दे सके।