बंगाणा के रोशन लाल ने रची आत्मनिर्भरता की कहानी, ड्रैगन फ्रूट की खेती ने बदली किस्मत

Edited By Jyoti M, Updated: 24 Jun, 2025 03:13 PM

roshan lal created a story of self reliance

कहते हैं..हौसले उम्र नहीं देखा करते। ऊना जिला के बंगाणा उपमंडल के उपरली बॉल गांव निवासी 74 वर्षीय रोशन लाल इसकी जीवंत मिसाल हैं। उन्होंने न केवल खेती के पारंपरिक ढर्रे को बदला, बल्कि ड्रैगन फ्रूट जैसी उन्नत और उच्च मूल्य की फसल के माध्यम से ग्रामीण...

बंगाणा। कहते हैं..हौसले उम्र नहीं देखा करते। ऊना जिला के बंगाणा उपमंडल के उपरली बॉल गांव निवासी 74 वर्षीय रोशन लाल इसकी जीवंत मिसाल हैं। उन्होंने न केवल खेती के पारंपरिक ढर्रे को बदला, बल्कि ड्रैगन फ्रूट जैसी उन्नत और उच्च मूल्य की फसल के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नवाचार की नयी इबारत लिख दी।

वर्ष 2023 में जब रोशन लाल ने छोटे स्तर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती का बीड़ा उठाया, तब यह क्षेत्र के लिए एक नया प्रयोग था। लेकिन आज, 25 कनाल भूमि में लगाए गए ताइवान पिंक वैरायटी के 3300 पौधे फल देने लगे हैं और किसान की मेहनत रंग ला रही है। खेत से ही प्रति फल 80 से 100 रुपये में बिक्री हो रही है और इस साल उन्हें 4 से 4.5 लाख रुपये तक की आमदनी की उम्मीद है।

एक पौधा—25 साल तक की आमदनी

ड्रैगन फ्रूट औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एजिंग तत्व शामिल हैं। साथ ही यह स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर फल है, जो बाजार में ऊंचे दामों पर बिकता है। इसकी विशेषता यह है कि एक बार रोपित पौधा 25 से 30 वर्षों तक फल देता है, जिससे यह किसानों के लिए एक स्थायी आमदनी का स्रोत बन सकता है।

मिश्रित खेती से बढ़ाया आर्थिक संतुलन

रोशन लाल ने केवल ड्रैगन फ्रूट पर निर्भर न रहकर प्याज, लहसुन और प्याज की पनीरी जैसे फसलों की मिश्रित खेती भी अपनाई। पिछले वर्ष उन्होंने इससे 20 हजार रुपये की आमदनी अर्जित की, जबकि ड्रैगन फ्रूट की आंशिक बिक्री से 15 हजार रुपये का लाभ हुआ। यह बहुआयामी कृषि मॉडल सबके लिए एक सुंदर सीख है कि किस प्रकार समर्पण, ज्ञान और सरकारी योजनाओं के समुचित उपयोग से कोई भी किसान आत्मनिर्भर बन सकता है।

सरकारी योजनाओं से मिली मजबूती

रोशन लाल का कहना है कि पहले जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान होता था, लेकिन अब बागवानी विभाग के सहयोग से स्थितियां सुधरी हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत उन्हें ड्रिप इरिगेशन सिस्टम 80 प्रतिशत अनुदान पर मिला है। इसके अतिरिक्त, विभागीय अधिकारी उन्हें समय-समय पर तकनीकी जानकारी, पोषण सलाह और फसल सुरक्षा उपाय प्रदान करते रहते हैं।

उपरली बॉल क्षेत्र बन रहा है मॉडल बागवानी क्लस्टर

बागवानी विकास अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अगस्त 2023 में उपरली बॉल क्षेत्र में 8 प्रगतिशील किसानों के साथ फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन साइट स्थापित की गई। 18.75 लाख रुपये की परियोजना के तहत सीमेंट पोल, पौधारोपण, बाड़बंदी और गड्ढा निर्माण जैसे कार्य किए गए हैं। अब यह गांव ड्रैगन फ्रूट और सब्जी उत्पादन के समन्वय से एक प्रेरणादायक मॉडल के रूप में उभर रहा है।

जिलाधीश बोले – नवाचार से सशक्त हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था

जिलाधीश ऊना जतिन लाल ने कहा कि ड्रैगन फ्रूट जैसी नवाचारी और उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक आत्मनिर्भरता को साकार करने में सहायक है। ऊना जिले में किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर हिमाचल के निर्माण में योगदान दे सकें।

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!