Edited By Vijay, Updated: 21 May, 2025 06:43 PM

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एम्स बिलासपुर ने पहली बार रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी सफलतापूर्वक की है।
बिलासपुर (बंशीधर): हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एम्स बिलासपुर ने पहली बार रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी सफलतापूर्वक की है। यह उपलब्धि प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में पहली बार दर्ज की गई है। यह सर्जरी एक बुजुर्ग महिला पर की गई, जो वर्षों से गंभीर गठिया और विकृत घुटनों की समस्या से परेशान थीं। उन्हें चलते समय अत्यधिक दर्द होता था। अब रोबोटिक तकनीक की मदद से सर्जनों ने उनके जोड़ों को बेहद सटीकता से दुरुस्त कर नया जीवन दिया है। इस क्रांतिकारी सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में डाॅ. रंजीत चौधरी, डाॅ. गौरव कुमार शर्मा, डाॅ. अमित सलारिया व डाॅ. देवेंद्र शामिल रहे। एनैस्थीसिया की जिम्मेदारी डाॅ. विजयलक्ष्मी शिवापुरा ने संभाली, जबकि नर्सिंग टीम का नेतृत्व भजन लाल ने किया।

विश्वस्तरीय हड्डी रोग चिकित्सा सेवाएं देने में पूरी तरह सक्षम है एम्स
डाॅ. रंजीत चौधरी ने कहा कि अब एम्स बिलासपुर विश्वस्तरीय हड्डी रोग चिकित्सा सेवाएं देने में पूरी तरह सक्षम है। पहले ही यहां रीढ़ की हड्डी की जटिल सर्जरी, ट्रॉमा केस और स्पोर्ट्स इंजरी की आधुनिक सर्जरी हो रही थी। अब रोबोटिक तकनीक के जुड़ने से हमारी क्षमताएं और मजबूत हो गई हैं। वहीं, डाॅ. गौरव कुमार शर्मा ने कहा कि यह तकनीक हिमाचल के हजारों मरीजों के लिए वरदान होगी। अब उन्हें रोबोटिक सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। सुलभ, सटीक और सुरक्षित इलाज अब घर के करीब ही मिलेगा।
क्या है रोबोटिक तकनीक
रोबोटिक प्रणाली सर्जरी के दौरान रीयल-टाइम बैलेसिंग और जोड़ों की माइक्रो-लेवल अलाइनमैंट में मदद करती है। इससे पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम जटिलताएं, बेहतर परिणाम और तेज रिकवरी संभव होती है। रोगी जल्दी चलने-फिरने लगता है और जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आता है।
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