Edited By Jyoti M, Updated: 02 Sep, 2025 03:42 PM

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला मंडी जिले के सराज से सामने आया है, जहाँ प्रसव पीड़ा से गुजर रही एक महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला मंडी जिले के सराज से सामने आया है, जहाँ प्रसव पीड़ा से गुजर रही एक महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
सराज विधानसभा क्षेत्र के बरयोगी पंचायत के जनेहड़ गांव में रहने वाले कृष्ण कुमार की पत्नी दिव्या कुमारी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। डॉक्टर ने डिलीवरी की तारीख 6 सितंबर दी थी। अचानक दर्द शुरू होने से परिजन घबरा गए क्योंकि बारिश के कारण पूरे इलाके की सड़कें बंद थीं।
परिजनों ने मदद के लिए कई जगह फोन किया, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली। किसी तरह गर्भवती महिला को 8 किलोमीटर दूर हाउण खड्ड तक पहुंचाया गया। इसके आगे जाने का रास्ता भी बंद था, तो उन्होंने करसोग का रास्ता चुना। लेकिन, 40 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद करसोग के पास भी सड़क मलबे के कारण बंद थी।
इसके बाद, गांव के एक युवक मोहर सिंह ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को फोन करके एक जेसीबी मशीन का इंतजाम करवाया। जेसीबी मशीन कार के आगे-आगे रास्ता साफ करते हुए चली। इस तरह करीब 8 किलोमीटर तक वे आगे बढ़े और करसोग के केलोधार पहुंचे। यहाँ सड़क पर एक बड़ा पेड़ गिरा हुआ था। कोई मदद न मिलने पर गांव से कुल्हाड़ी मंगवाकर खुद ही पेड़ को काटा गया और रास्ता बनाया गया। आखिरकार, दिव्या को करसोग के नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने दिव्या की हालत को देखते हुए उन्हें नेरचौक रेफर कर दिया। लेकिन जब वे जाच्छ पहुंचे तो वहाँ भी रास्ता बंद था। इसके बाद, परिजनों ने नेरचौक जाने का विचार छोड़ दिया और सीधे शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) जाने का फैसला किया।
सड़कें बंद होने और कई जगहों पर भूस्खलन के कारण, 107 किलोमीटर की दूरी तय करने में उन्हें काफी समय लगा। कड़ी मशक्कत के बाद, दिव्या को आईजीएमसी शिमला पहुंचाया गया, जहाँ उनका इलाज शुरू हो सका।
यह घटना दर्शाती है कि हिमाचल प्रदेश में आपदा के दौरान लोगों को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें बंद होने से न सिर्फ आम लोगों को बल्कि आपातकालीन सेवाओं को भी काफी परेशानी हो रही है।