Edited By Vijay, Updated: 22 Nov, 2023 11:08 PM

वन्य प्राणी सकरालू को पत्थर से पीट-पीट कर मारने के आरोपी 2 शिकारियों पर दोष सिद्ध होने पर अदालत ने 3-3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई है।
ज्वाली (ब्यूरो): वन्य प्राणी सकरालू को पत्थर से पीट-पीट कर मारने के आरोपी 2 शिकारियों पर दोष सिद्ध होने पर अदालत ने 3-3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। ज्वाली स्थित न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दीपाली गंभीर की अदालत ने ज्वाली के चलवाड़ा निवासी सिकंदर कुमार और जिला मंडी के मलतेहड़ निवासी विजय कुमार को वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम 1972 की धारा 51 के तहत दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत के आदेश के मुताबिक दोनों दोषियों से जुर्माना वसूल किए जाने के बाद वह राशि वन्य प्राणी विभाग को बतौर मुआवजा वन्य जीवों के सुरक्षात्मक कार्यों के लिए प्रयोग में लाने हेतु दी जाएगी।
सरकार की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे सहायक जिला न्यायवादी ज्वाली रवि कुमार ने बताया कि 24 अक्तूबर 2009 को पुलिस चौकी कोटला में टैलीफोन पर सूचना मिली थी कि बलवाड़ा गांव से भरनाला की तरफ जाने वाले जंगल में 2 संदिग्ध लोग घूम रहे हैं। पुलिस ने मौके पर सिकंदर कुमार व विजय कुमार को मृत वन्य प्राणी सकरालू के साथ रंगे हाथ पकड़ा।
पुलिस जांच में सामने आया था कि दोनों शिकारियों ने जंगल में सकरालू को पत्थर से पीट-पीट कर मार डाला था और जब वे उसे लेकर जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। इसके बाद पुलिस ने मृत वन्य प्राणी का पोस्टमार्टम करवा कर वन विभाग को सौंप दिया था। वन परिक्षेत्र अधिकारी कोटला की शिकायत पर पुलिस थाना ज्वाली में दोनों शिकारियों के खिलाफ वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम 1972 की धारा 51 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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