Edited By Ekta, Updated: 18 Jul, 2019 10:52 AM
धर्मशाला में नवम्बर में होने वाली ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले हुए करीब 23,000 करोड़ रुपए समझौतों (एम.ओ.यू.) की सरकार समीक्षा करेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में सरकार इसको लेकर चर्चा करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए अधिकारियों को...
शिमला (कुलदीप): धर्मशाला में नवम्बर में होने वाली ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले हुए करीब 23,000 करोड़ रुपए समझौतों (एम.ओ.यू.) की सरकार समीक्षा करेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में सरकार इसको लेकर चर्चा करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर वस्तुस्थिति को सामने लाने को कहा है। एम.ओ.यू. की समीक्षा के साथ हिम प्रगति पोर्टल की भी मुख्यमंत्री ने समीक्षा करने का निर्णय लिया है। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।
सरकार का लक्ष्य 85,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य को प्राप्त करने का है, लेकिन इससे अधिक निवेश प्रस्तावों के आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश और विदेश में जाकर निवेशकों से सरकार ने चर्चा की है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश में निवेश को लेकर खासा उत्साह दिखा है। इसके तहत न केवल उद्योग बल्कि पर्यटन, शिक्षा, पन बिजली, सौर ऊर्जा, हाऊसिंग, आई.टी. व शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में उद्योगपतियों ने निवेश की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि विकसित औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ के अलावा प्रदेश में नए विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्रों कंदरोड़ी, पंडोगा और चनौर में भी उद्योगों के लिए भूमि उपलब्ध है। इसी तरह कई लोगों ने सरकार के समक्ष उद्योग लगाने के लिए निजी भूमि देने की पेशकश की है। इस स्थिति में प्रदेश में निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए भूमि की कमी नहीं पड़ेगी।
कई रियायतें देने का निर्णय
उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से निवेशकों को रिझाने के लिए कई रियायतें देने का निर्णय लिया गया है। साथ ही नियमों का सरलीकरण किया गया है। ऑनलाइन आवेदन के अलावा हिम प्रगति पोर्टल व लैंड बैंक में उपलब्ध भूमि का विवरण भी निवेशकों को उपलब्ध करवाया जा रहा है।