NIT हमीरपुर में भर्ती घोटाले को लेकर राजेंद्र राणा ने PM कार्यालय को लिखा पत्र

Edited By Vijay, Updated: 05 Jul, 2020 05:39 PM

rajendra rana wrote letter to the pm office

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रैस बयान में कहा कि अब कथित एनआईटी भर्ती घोटाले की लिखित शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के साथ एमएचआरडी मंत्रालय के मुख्य सचिवों को की गई है।

हमीरपुर (ब्यूरो): प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रैस बयान में कहा कि अब कथित एनआईटी भर्ती घोटाले की लिखित शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के साथ एमएचआरडी मंत्रालय के मुख्य सचिवों को की गई है। उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर कुप्रबंधन का शिकार होकर भारी वित्तीय अनियमितताओं के घेरे में है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करना व हिमाचली हितों की पैरवी करना मेरा धर्म और दायित्व है लेकिन हैरानी यह है कि इस मामले पर सीधे तौर पर जिनकी जवाबदेही व जिम्मेदारी बनती है वे लंबे अरसे तक किस मकसद की पूर्ति के लिए इस गंभीर मामले पर चुप्पी साधे रहे? यह सवाल जनता व एनआईटी हमीरपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है ।

उन्होंने कहा कि अब हिमाचली हितों के विपरीत खड़े उन लोगों को मेरे सवाल उठाने पर तकलीफ हो रही है जो एनआईटी की फुल फॉर्म तक नहीं जानते हैं और अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए चमचागिरी करते हुए मेरे सवाल पर ही सवाल उठा रहे हैं।  ताज्जुब यह है कि जिन लोगों का नाता व वास्ता स्कूली शिक्षा तक भी पूरा नहीं है, वह एनआईटी के मामले पर बेशर्मी की हदें पार करते हुए बेवजह वकालत करते हुए दोबारा अपनी राजनीति को चमकाने का असफल प्रयास कर रहे हैं। जहां तक हिमाचली हितों का सवाल है, इस मामले पर न कोई राजनीति सहन होगी और न ही स्वयं-भू लोगों के कुतर्क जनता सहन करेगी।

उन्होंने कहा कि देर से ही सही लेकिन केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर की इस मामले पर पैरवी का वह खुले मन से स्वागत करते हैं लेकिन सांसद अनुराग ठाकुर की चाटुकारिता में लगे उन लोगों से सांसद की विश्वसनियता पर निरंतर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग अब एनआईटी के गंभीर मसले पर बिना सिर-पैर बातें कर रहे हैं? जो लोग लिखी हुई हिंदी भाषा की स्क्रिप्ट को सही से सोशल मीडिया पर नहीं पढ़ पा रहे हैं, वह सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्र स्तर के सर्वोच्च संस्थान एनआईटी पर अपने कुतर्क पेश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मामला अब सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री के ध्यान में लाया गया है, जिससे अब एनआईटी के लोगों व प्रदेश की जनता में उम्मीद जगी है कि अब इस मामले पर कोई कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि एमएचआरडी मंत्रालय की ओर से उन्हें मेल द्वारा भेजी गई जानकारी की पुष्टि कर दी गई है जबकि लिखित शिकायतों की पावती आनी आपेक्षित है।

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