Una: जेजों खड्ड हादसे में काल का ग्रास बने 8 लाेगों की एक साथ जलीं चिताएं, 2 अभी भी लापता

Edited By Vijay, Updated: 13 Aug, 2024 12:42 PM

pyres burned together of 8 people

हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर जेजों खड्ड हादसे में मारे गए ऊना के देहलां लोअर और भटोली गांव के 2 परिवारों के 8 लोगों का आज सतलुज नदी के तट पर भभौर साहिब में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

ऊना (सुरेंद्र): हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर जेजों खड्ड हादसे में मारे गए ऊना के देहलां लोअर और भटोली गांव के 2 परिवारों के 8 लोगों का आज सतलुज नदी के तट पर भभौर साहिब में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस हादसे में लापता सरूप चंद के परिवार के 5 लोगों और सुरेंद्र कौर के 3 बच्चों का आज अंतिम संस्कार किया गया। देहलां लोअर के सरूप चंद के बेटे नंद किशोर ने अपनी माता पलविंदर कौर भाई नितिन को मुखाग्नि दी, जबकि सरूप चंद के भाई सुरजीत कुमार, परमजीत कौर और गगन कुमार को इनोवा गाड़ी से सुरक्षित बचाए गए बेटे दीपक कुमार ने मुखाग्नि दी। वहीं भटोली की सुरेंद्र कौर के पति अमरीक सिंह ने अपनी 2 बेटियों और 1 बेटे को मुखाग्नि दी। दोनों परिवारों के 8 मृतकों के शव बीती शाम को ही होशियार से एंबुलैंस में गांव लाए गए थे। मगर शाम को बहरीन से नंद किशोर और मस्कट से अमरीक सिंह नहीं पहुंचे सके थे, जिसके चलते अंतिम संस्कार कल नहीं हो सका था। नंद किशोर के पिता सरूप चंद और अमरीक सिंह की पत्नी सुरेंद्र कौर उर्फ शिन्नो का अभी कोई सुराग नहीं लग पाया है। उनकी तलाश में अभी सर्च ऑप्रेशन जारी है। इसके लिए जेजों खड्ड में जेसीबी से भी खुदाई चल रही है। इन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

इनोवा गाड़ी सहित बह गए थे 12 लोग
बता दें कि बीते रविवार को सुबह देहलां लोअर और भटोली से 12 लोग इनोवा गाड़ी में पंजाब के नवांशहर में शादी के लिए गए थे। मगर जेजों खड्‌ड में आए पानी के तेज बहाव में उनकी गाड़ी फंस गई और सभी 12 लोग इनोवा सहित बह गए। इनमें से दीपक कुमार को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित रैस्क्यू कर लिया जबकि 11 लोगों को नहीं बचाया जा सका। इस हादसे में देहलां लोअर निवासी ड्राइवर कुलविंद्र सिंह पुत्र हुकम सिंह, सुरजीत कुमार पुत्र गुरदास राम, परमजीत कौर पत्नी सुरजीत कुमार, गगन कुमार पुत्र सुरजीत कुमार, सरूप चंद पुत्र गुरदास राम, पलविंदर कौर पत्नी सरूप चंद, नितिन पुत्र सरूप चंद और भटोली निवासी सुरेंद्र कौर उर्फ सिन्नो पत्नी अमरीक सिंह, अमानत पुत्री अमरीक सिंह, भावना पुत्री अमरीक सिंह व हर्षित पुत्र अमरीक सिंह गाड़ी समेत 150 मीटर की दूरी तक बह गए थे। जेजों खड्ड में जिस समय हादसा हुआ, उस समय प्रवीण सोनी वहां मौजूद थे, जिन्होंने इनोवा से बहे दीपक कुमार की जान बचाई। प्रवीण ने कहा कि यदि इनोवा चालक ने उनकी बात मानी होती तो हादसा नहीं होता। 

हादसे में 3 सगी बहनों की हुई है मौत
इस हादसे में 3 सगी बहनों की मौत हुई है। इनमें परमजीत कौर, पलविंदर कौर और सुरेंद्र कौर उर्फ शिन्नो शामिल हैं। परमजीत कौर और पलविंदर कौर की 2 सगे भाइयों सुरजीत कुमार और सरूप चंद के साथ शादी हुई थी, जबकि तीसरी बहन सुरेंद्र कौर उर्फ शिन्नो का भटोली में सुसराल था।
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