Edited By Rahul Singh, Updated: 27 Aug, 2024 12:38 PM
रेलवे के उच्चाधिकारियों के दावे ऊना रेलवे स्टेशन पर हवाई साबित हो रहे हैं। अधिकारियों ने दावा किया था कि मई 2024 में रेलवे स्टेशन ऊना का दूसरा प्लेटफार्म आरंभ हो जाएगा लेकिन अभी भी कई माह इसे शुरू होने में लग जाएंगे। सांसद अनुराग ठाकुर ने केन्द्रीय...
ऊना, (सुरेन्द्र शर्मा): रेलवे के उच्चाधिकारियों के दावे ऊना रेलवे स्टेशन पर हवाई साबित हो रहे हैं। अधिकारियों ने दावा किया था कि मई 2024 में रेलवे स्टेशन ऊना का दूसरा प्लेटफार्म आरंभ हो जाएगा लेकिन अभी भी कई माह इसे शुरू होने में लग जाएंगे। सांसद अनुराग ठाकुर ने केन्द्रीय मंत्री के तौर पर रेलवे के अधिकारियों को दूसरे प्लेटफार्म को शुरू करने के निर्देश ऊना रेलवे स्टेशन पर दिए थे और सार्वजनिक मंच पर ही अम्बाला डिवीजन के अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था लेकिन यह केवल कोरा ही साबित हुआ।
रेलवे स्टेशन में व्यापक स्तर पर यात्रियों को बैठने की सुविधा नहीं है। बेहतर वेटिंग हॉल नहीं तो बारिश और तेज धूप से राहत के लिए भी व्यापक सिस्टम मौजूद नहीं है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हो 2 रेलगाडिया एक साथ यहां पहुंचती है तो एक गाड़ी प्लेटफार्म नंबर एक बार खड़ी हो जाती है। दूसरी को बीच लाइन में खड़ा कर दिया जाता है। यहीं से यात्री उत्तरने पर मजबूर होते हैं और वह प्लेटफार्म एक पर पहुंचते हैं। इस दौरान उन्हें जान का जोखिम होता है।
महिलाओं, वृद्ध और बच्चों के साथ साथ सामान की बीच लाइन में खड़ी रेलगाड़ी तक पहुंचाना मुश्किल होता है। रिस्क तब होता है जब बीच लाइन में खड़ी रेल में चढ़ने के दौरान दूसरी रेलगाड़ी स्टेशन पर पहुंचती है। वंदे भारत के समय हरिद्वार जाने वाली रेलगाड़ी में चढ़ने वाले यात्रियों को इन्हीं दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
शीघ्र पूरा होगा कार्य
रेलवे अधिकारियों से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इसका कार्य चला है। शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।
सबसे पुराने ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन ऊना की स्थिति बदहाल
स्थिति यह है कि हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन ऊना की स्थिति अब भी बदहाल है। वर्ष 1991 में यह रेलवे स्टेशन आरंभ हुआ था। तब पहली बार यहां से रेलगाड़ी दिल्ली- बरेली के लिए आरंभ हुई थी। स्टेशन के 33 वर्षों के उपरांत भी ऊना जिला मुख्यालय का यह ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन सुविधाओं के अभाव में है। यहां रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक की लम्बाई बढ़ाने से लेकर दूसरे प्लेटफार्म को शुरू करने के वायदे किए गए थे। पिछले करीब 5 वर्षों से प्लेटफार्म नंबर 2 का काम आरंभ हुआ था। यह बन चुका है लेकिन लूप लाइन आरंभ नहीं की गई है। फुटओवर ब्रिज भी बन चुका है, परन्तु इसका कोई लाभ नहीं है।
कछुआ गति से चल रहा है कार्य
गत वर्ष 16 मार्च को जब रेलवे स्टेशन ऊना में केन्द्रीय मंत्री पहुंचे थे, तो उसी दौरान तमाम अधिकारी भी यहां मौजूद थे। समस्या बताई गई, अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि दिक्कतों को दूर कर दिया जाएगा लेकिन यहा कार्य अभी भी कछुआ गति से ही चल रहा है। प्लेटफार्म एक में भी कई डिब्बे उस साइड होते है जहां प्लेटफार्म की सुविधा नहीं है। इसी प्रकार वदे भारत का कौन सा कोच किस जगह रुकेगा, इसका भी कोई पता नहीं होता है। ऐसी हालत में 3 मिनट के भीतर यात्रियों को अफरा-तफरी के बीच डिब्बों में चढ़ना पड़ता है और वह सामान लेकर बाद में गाड़ी के अंदर ही अंदर भटकते हैं।