Edited By Kuldeep, Updated: 21 Jul, 2024 06:58 PM
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की तैनाती की प्रक्रिया भले ही भंवर में उलझी दिख रही है परंतु एक बात तय है कि कृषि विश्वविद्यालय को दूसरी बार लगातार कार्यकारी कुलपति मिलेगा।
पालमपुर: कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की तैनाती की प्रक्रिया भले ही भंवर में उलझी दिख रही है परंतु एक बात तय है कि कृषि विश्वविद्यालय को दूसरी बार लगातार कार्यकारी कुलपति मिलेगा। वर्तमान में कुलपति पद का कार्यभार देख रहे प्रोफैसर दिनेश कुमार वत्स 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के 13वें नियमित कुलपति के 3 वर्ष का कार्यकाल 21 अगस्त 2023 को समाप्त होने के पश्चात प्रोफैसर दिनेश कुमार वत्स ने 22 अगस्त 2023 को कार्यकारी कुलपति का पदभार ग्रहण किया था। ऐसे में प्रोफैसर दिनेश कुमार वत्स के नियमित सेवाकाल से सेवानिवृत्ति के पश्चात कुलपति पद पर अतिरिक्त कार्यभार किसी अन्य को मिलना तय है।
पहले भी 2 बार प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यकारी कुलपति का कार्यभार सौंपा गया
कृषि विश्वविद्यालय के इतिहास में इससे पहले पांचवें नियमित कुलपति की तैनाती के कार्यकाल के दौरान 2 बार प्रशासनिक अधिकारियों को निरंतर कार्यकारी कुलपति का कार्यभार सौंपा गया था। 5 में नियमित कुलपति के कार्यकाल के लगभग 10 महीने पश्चात 9 जनवरी 1999 से 2 फरवरी 1999 तक प्रशासनिक अधिकारी योगेश खन्ना तथा 3 फरवरी 1999 से 7 जनवरी 2000 तक प्रशासनिक अधिकारी देव स्वरूप को कार्यकारी कुलपति का कार्य भार सौंपा गया था। यद्यपि 8 जनवरी 2000 को पुनः पांचवें नियमित कुलपति को शेष अवधि का कार्यकाल सौंप दिया गया था। अब ऐसा दूसरी बार होना तय माना जा रहा है जब निरंतर दूसरी बार कार्यकारी कुलपति की तैनाती होगी। विश्वविद्यालय में पहले भी 10 बार कार्यकारी कुलपति की तैनाती की जा चुकी है। इनमें से 4 बार प्रशासनिक अधिकारियों तथा 6 बार विश्वविद्यालय में तैनात वरिष्ठतम अधिकारी को यह दायित्व सौंपा गया है।
नियमित कुलपति की प्रक्रिया नहीं हो पाई आरंभ
नियमित कुलपति की तैनाती को लेकर 24 अप्रैल को कुलाधिपति द्वारा चयन समिति का गठन किया गया था जिसके पश्चात नियमित कुलपति की तैनाती को लेकर 4 मई को इस संबंध में आवेदन मांगे गए थे। इस पद हेतु 25 मई तक आवेदन करने के लिए फॉर्मैट भी जारी किया गया था। 14वें नियमित कुलपति की तैनाती को लेकर 24 अप्रैल को कुलाधिपति द्वारा चयन समिति का गठन किया गया था जिसके पश्चात ही इस चयन समिति ने कृषि विश्वविद्यालय के नियमित कुलपति की तैनाती को लेकर आवेदन आमंत्रित किए व इस संबंध में पद को विज्ञापित किया गया परंतु मामला न्यायालय में जाने के कारण उक्त प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई।