Edited By Vijay, Updated: 29 Aug, 2024 06:00 PM
लगवैली के पहाड़ों के बीच समुद्रतल से करीब 14040 फुट से अधिक ऊंचाई पर एक झील मौजूद है जोकि डेढ़ किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। इस झील को देहनासर झील के नाम से जाना जाता है।
कुल्लू (गौरीशंकर): लगवैली के पहाड़ों के बीच समुद्रतल से करीब 14040 फुट से अधिक ऊंचाई पर एक झील मौजूद है जोकि डेढ़ किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। इस झील को देहनासर झील के नाम से जाना जाता है। ये देवी-देवताओं के गुप्त स्नान वाली झील है, लेकिन जब से इस झील के बारे में लोगों को पता चला है तब से लोग 20 भादो के दिन यहां स्नान करने के लिए जा रहे हैं। देवताओं के गुप्त स्नान करने वाली इस झील में मानव दखल से देवी-देवता नाराज हो गए हैं और उन्होंने आदेश दिया है कि 20 भादो को लोगों के देहनासर झील में स्नान करने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
लगघाटी की अराध्य देवी माता फुंगणी के कारदार राम लाल ठाकुर ने बताया कि माता के गुर ने साफतौर पर देव वाणी के माध्यम से 20 भादो को देहनासर झील में स्नान करने पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि माता के साथ-साथ लगघाटी, मंडी-कांगड़ा जिला की चौहारघाटी व छोटा भंगाल के देवी-देवता भी मानव स्नान पर रोक लगाने के आदेश दे चुके हैं।
देव आदेश का उल्लंघन करने पर मिलेगी ये सजा
कारदार के अनुसार देवी-देवताओं ने अपने गुर के माध्यम से साफ तौर पर कहा है कि अगर किसी ने देव आदेश का उल्लंघन किया तो उसे देव कोप झेलना होगा और आने वाला वक्त विनाशकारी और प्रलयकारी होगा, ऐसे में उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि देवी-देवताओं के गुप्त स्नान करने की पवित्र झील की शुद्धता बनाए रखें और 20 भादो को कोई भी यहां स्नान करने न जाए।
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