Edited By Simpy Khanna, Updated: 09 Oct, 2019 05:22 PM
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन ढोल-नगाड़ों की थाप पर भगवान नरसिंह की जलेब शाही अंदाज में निकाली गई। ढोल, नगाड़े, नरसिगों और करनालों की स्वर लहरियों से ढालपुर मैदान गूंज उठा। रघुनाथ के अस्थायी शिविर से निकली जलेब उत्सव में आए लोगों का आकर्षण...
कुल्लू (मनमिंदर) : अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन ढोल-नगाड़ों की थाप पर भगवान नरसिंह की जलेब शाही अंदाज में निकाली गई। ढोल, नगाड़े, नरसिगों और करनालों की स्वर लहरियों से ढालपुर मैदान गूंज उठा। रघुनाथ के अस्थायी शिविर से निकली जलेब उत्सव में आए लोगों का आकर्षण का केंद्र रही।
जलेब में अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार हुए और महाराजा कोठी के देवताओं ने भी जलेब की शोभा बढ़ाई। शाही जलेब में सबसे आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी सज-धजकर चली। राजा की चानणी से जलेब शुरू हुई और अस्पताल रोड से होती हुई राजा की चानणी के पास ही समाप्त हुई।
पीज के देवता जमदग्नि ऋषि, खल्याणी के देवता पंचवीर, जौंगा के देवता हुरंग नारायण, जौंगा के देवता महावीर, कमांद के देवता वीरकैला, लोट के गढ़पति वीरकैला ने शोभायात्रा की शोभा बढ़ाई।