Edited By Kuldeep, Updated: 10 Aug, 2024 06:27 PM
शायद नगर परिषद नाहन को मछलियों के जीवन से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि वर्षों से हर साल शहर के ऐतिहासिक रानीताल तालाब में काफी संख्या में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए।
नाहन (आशु): शायद नगर परिषद नाहन को मछलियों के जीवन से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि वर्षों से हर साल शहर के ऐतिहासिक रानीताल तालाब में काफी संख्या में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए। यदि उठाए गए होते, तो नगर परिषद शायद मछलियों को तड़प-तड़प कर तालाब में दम तोड़ते हुए नहीं देखती। शब्दों के ये तीखे बाण नगर परिषद पर ऐतिहासिक रानीताल बाग में रोजाना घूमने आने वाले लोग दाग रहे हैं, क्योंकि एक बार फिर तालाब में सैंकड़ों मछलियां काल का ग्रास बन चुकी हैं। पिछले दो दिनों से तालाब से मरी हुई मछलियों को निकाला भी नहीं गया है, जिसके चलते बाग में भारी दुर्गंध से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों में संदीप, प्रकाश, सूरज, कमलेश आदि ने कहा कि गत शुक्रवार को तालाब में काफी संख्या में मछलियां मरी हुई देखी गईं। शनिवार को भी इन्हें यहां से नहीं निकाला गया। इसके कारण बाग में दुर्गंध फैली हुई है। तालाब के साथ बाग के बाहर स्थित घरों में रहने वाले लोगों को भी इससे काफी दिक्कत हो रही है। दुर्गंध से जहां लोगों का जीना मुहाल हो गया है, तो वहीं बीमारी की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। पहले ही शहर में डेंगू का प्रकोप देखा जा सकता है। शनिवार को तालाब में मरी हुई मछलियों के ढेर देखे गए।
लोगों का कहना है कि हालांकि हर वर्ष तालाब में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। इस बार कालीस्थान तालाब से भी यहां मछलियां डाली गई थीं। इस मर्तबा 4-5 बार यहां मछलियां मर चुकी हैं। लगभग हर वर्ष यह समस्या उत्पन्न होती है। इसका एक बड़ा कारण तालाब की नियमित रूप से साफ-सफाई का न होना भी है। वहीं नगर परिषद भी इन मछलियों के मरने का कारण अब तक पता नहीं लगा पाई। नतीजतन मछलियां मर रही हैं। दुर्गंध फैल रही है। बीमारी की आशंका बनी है और नगर परिषद हर बार की तरह जांच की बात कहकर पुनः हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएगी।
लोगों ने डीसी सिरमौर सुमित खिमटा से मांग करते हुए कहा कि इस बारे नगर परिषद को सख्त दिशा-निर्देश दिए जाएं, क्योंकि सुबह-शाम काफी संख्या में लोग सैर के लिए रानीताल बाग में घूमने के लिए आते हैं और ऐसी सूरत में जहां दुर्गंध का सामना करना पड़ता है, तो वहीं बीमारी की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। साथ ही मत्स्य विभाग के साथ मिलकर यह भी पता लगाया जाए कि आखिरकार क्यों लम्बे अरसे से इस तालाब में मछलियां मर रही हैं। उधर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय तोमर ने कहा कि तालाब से मरी हुई मछलियों को निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही मछलियों के मरने की भी जांच की जाएगी।