कृष्णानगर में स्लाटर हाऊस समेत कई बहुमंजिला भवन जमींदोज, रिज मैदान पर पड़ी दरारें

Edited By Vijay, Updated: 16 Aug, 2023 09:31 PM

multi storey building collapses cracks on ridge ground

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बारिश ने कहर बरपा दिया है। बहुमंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह रही हैं। इससे शहर के लोग खौफजदा हो गए हैं। कृष्णानगर में नगर निगम का 28 करोड़ की लागत से बनाए गए स्लाटर हाऊस समेत कई बहुमंजिला भवन जमींदोज हो गए...

शिमला (वंदना): हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बारिश ने कहर बरपा दिया है। बहुमंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह रही हैं। इससे शहर के लोग खौफजदा हो गए हैं। कृष्णानगर में नगर निगम का 28 करोड़ की लागत से बनाए गए स्लाटर हाऊस समेत कई बहुमंजिला भवन जमींदोज हो गए हैं। शहर का कृष्णानगर इलाका आपदा की दृष्टि से स्लाइडिंग जोन में आता है। इसके चलते प्रशासन ने पहले ही यहां पर खतरे को भांप लिया था, इसी के चलते स्लाटर हाऊस में आसपास के कई बहुमंजिला भवनों को खाली करवाया दिया गया था, लेकिन 2 लोगों की इस हादसे में जान चली गई है। इस हादसे में 20 परिवार बेघर हो गए हैं जिन्हें नगर निगम ने सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है, साथ ही कृष्णानगर में अभी भी खतरा बना हुआ है इसके चलते 5 से 7 घरों को और खाली करवा दिया गया है। शिमला में 72 घंटे की बारिश ने तबाही मचा दी है। शहर में 500 से ज्यादा पेड़ गिरे हैं, जिससे भवनों, वाहनों, बिजली की तारों समेत सड़कों को काफी नुक्सान पहुंचा है। हिमलैंड में भूस्खलन होने से कई बहुमंजिला भवन खतरे की जद्द में आ गए हैंं। प्रशासन ने इन सभी भवनों को खाली करवा दिया है। बुधवार को सुबह से यहां पर पत्थर निकल रहे थे, इसके चलते पुलिस ने लिफ्ट से खलीनी तक सर्कुलर रोड को बंद कर दिया था। 

रिज पर दरारें, तिब्बती मार्कीट की ओर से बढ़ा भूस्खलन का खतरा
ऐतिहासिक रिज मैदान पर भी दरारें पड़ गई हैं। टाऊन हॉल के ठीक सामने तिब्बतियन मार्कीट की ओर से सड़क पर दरारें पड़ रही हैं। इसके साथ वाली जगह बुधवार को धंसना शुरू हो गई है। इसके साथ ही पर्यटन विभाग का सूचना केंद्र कार्यालय है, जिसके साथ दरारें पडऩे के बाद से इसे खाली करवाया दिया गया है। यहां पर तिब्बतियन मार्कीट की ओर से भूस्खलन हो रहा है। दिनभर यहां से पत्थर व मलबा रास्ते पर गिरता रहा। प्रशासन की ओर से जिस जगह पर दरारें आई हैं उसे तिरपाल से ढक  दिया है लेकिन यहां पर खतरा बना हुआ है। यदि रिज का यह हिस्सा गिरता है तो इससे रिज मैदान व टैंक को भी खतरा हो सकता है। इस जगह से 50 मीटर आगे की ओर से रिज के री-स्टोरेशन का काम चला हुआ है। भूस्खलन होने से रिज को खतरा पैदा हो सकता है। 

पैट्रोपोल पार्किंग भी खतरे में, शहरी निदेशालय कार्यालय को भी करवाया खाली
नगर निगम की पैट्रोपोल पार्किंग की नींव के साथ भूस्खलन होना शुरू हो गया है। इस 6 मंजिला भवन में बिजली बोर्ड कार्यालय के साथ-साथ बैंक और अन्य संस्थान हंै। यहां पर भूस्खलन होने से कर्मचारी भी सकते में आ गए हैं और प्रशसन से इसे खाली करने की मांग की जा रही है। बिजली बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर पानी की सही निकासी न होने के कारण भवन खतरे की जद्द में आ गया है। इस मामले को लेकर कई बार नगर निगम को अवगत भी करवाया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, ऐसे में अब बिल्डिंग खतरे में आ गई है। इस भवन में निगम की पार्किंग भी है। इसके अलावा भूस्खलन होने से शहरी विकास विभाग निदेशालय का कार्यालय भी खतरे की जद्द में आ गया है जिसे खाली कर दिया गया है, वहीं हाऊसिंग बोर्ड कालोनी जाखू में भी दरारें आ गई हैं। इसे भी खाली करवाने के आदेश प्रशासन ने जारी कर दिए हैं, वहीं समरहिल में एमआई रूम के साथ कई बहुमंजिला भवन भी खतरे की जद्द में आ गए हैं, इसके चलते भवन मालिकों ने इन भवनों को खाली कर दिया है। यहां पर 4 से 5 भवनों में दरारें आ गई हैं। शहर में जगह-जगह सड़कें धंस गई हैं। बड़ी-बड़ी दरारें सड़कों में आ गई हैं। नाभा में बंगाली बगीचे में भी भूस्खलन से कई मकान खतरे की जद्द में आ गए हैं जिन्हें प्रशासन ने खाली करवाया दिया है। कसुम्पटी में भी कई भवनों को खाली करवाया गया है, वहीं बीसीएस में तारा माता मंदिर के पास सड़क धंस गई है। सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। 

टूटीकंडी बाईपास की हालत खस्ता, सर्कुलर रोड बंद 
टूटीकंडी बाईपास की हालत भी खस्ता हो गई है। कई जगह पर भूस्खलन हुआ है। इसके चलते सड़क कई जगहों से धंस गई है। सर्कुलर रोड बंद होने से पूरा ट्रैफिक यहां से डायवर्ट किया गया है। कई स्थानों पर सड़क के कुछ हिस्से को वन-वे करने से दिनभर यहां जाम की स्थिति बनी रही। शिमला की लाइफलाइन कहे जाने वाला सर्कुलर रोड हिमलैंड के पास वाहनों के लिए भी बंद कर दिया गया है। 2 दिन पहले हुए भूस्खलन के बाद हिमलैंड में बनी दो बहुमंजिला इमारतों को खतरा पैदा हो गया है। इसके चलते यहां पर सड़क को बंद कर दिया गया है। शिमला पुलिस ने शहर के ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया है, वहीं एनएच जाने वाली सड़क में दरारें पड़ गई हैं। 

मेयर ने एसडीएम व वन विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
वहीं मेयर सुरेंद्र चौहान ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा की स्थिति में विभागों को आपस में तालमेल बनाने के निर्देश दिए हैं। मेयर ने एसडीएम शहरी और ग्रामीण और डीएफओ शहरी और ग्रामीण समेत बिजली बोर्ड व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की स्थिति से निपटने के लिए उचित दिशा निर्देश दिए हैं। इस दौरान मेयर ने वन विभाग को खतरनाक पेड़ों को हटाने के आदेश दिए हैं। पेड़ों के कारण शहर में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसके चलते खतरनाक पेड़ों को हटाने व टैक्नीकल टीम को हायर करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को राहत मिल सके। 

35 से 40 करोड़ का हुआ नुकसान
शहर में 72 घंटों की बारिश ने शहर में 35 से 40 करोड़ का नुक्सान आंका गया है। शहर में जगह-जगह रास्ते, डंगे और सड़कें ढह गई हैं। पेड़ों के कारण घरों को नुक्सान पंहुचा है। 3 दर्जन से ज्यादा घर खतरे की जद्द में आ गए हैं। प्रशासन ने  प्रारंभिक तौर पर 40 करोड़ तक का नुक्सान का आंकलन किया है जबकि पहले हुई बारिश से शहर में 15 करोड़ का नुक्सान आंका गया था। 

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