Edited By Vijay, Updated: 07 Mar, 2020 03:56 PM

जिला किन्नौर में खनन माफिया दिन-रात सतलुज नदी का सीना छलनी करने में जुटा हुआ है जबकि किन्नौर जिला प्रशासन पूरी तरह से मूकदर्शक बनकर तमाशा देखा रहा है, ऐसे में सवाल उठता है कि शासन व प्रशासन अखिर क्यों खनन माफिया पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहे...
किन्नौर (अनिल): जिला किन्नौर में खनन माफिया दिन-रात सतलुज नदी का सीना छलनी करने में जुटा हुआ है जबकि किन्नौर जिला प्रशासन पूरी तरह से मूकदर्शक बनकर तमाशा देखा रहा है, ऐसे में सवाल उठता है कि शासन व प्रशासन अखिर क्यों खनन माफिया पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहे हैं। बता दें कि सतलुज नदी पर अवैध खनन होने से प्रति वर्ष सरकारी खजाने पर भी लाखों रुपए का चूना लग रहा है और खनन माफिया जमकर चांदी कूट रहा है।

किन्नौर के पुलिस अधिक्षक मीडिया में दावा कर रहे हैं कि किन्नौर जिला में किसी को भी खनन करने के लिए खनन पट्टा नहीं है, इसलिए किसी प्रकार के माइनिंग नहीं होने दी जाएगी। खनन को रोकने के लिए पुलिस विभाग तैयार है परंतु अभी भी पोवारी के पास सतलुज नदी में बड़ी-बड़ी मशीनें अवैध खनन को अंजाम दे रही हैं।
गौर रहे कि प्रदेश विधानसभा में भी अवैध खनन को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाने की बात कही थी परंतु किन्नौर जिले में खनन माफिया बैखोफ होकर अवैध खनन को अंजाम दे रहा है।