हिमाचल में बुधवार की रात रही सबसे गर्म, ऊना में न्यूनतम पारे ने बनाया रिकाॅर्ड

Edited By Vijay, Updated: 10 Jun, 2021 07:41 PM

minimum mercury created record in una

तापमान ने ऊना में पिछले कई दशकों में पहली बार रिकॉर्ड स्थापित किया है। जब से न्यूनतम और अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड रखा जा रहा है तब से लेकर अब तक बुधवार की रात हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक गर्म रात्रि के रूप में दर्ज हुई है। ऐसा पहली बार हुआ...

ऊना (सुरेन्द्र): तापमान ने ऊना में पिछले कई दशकों में पहली बार रिकॉर्ड स्थापित किया है। जब से न्यूनतम और अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड रखा जा रहा है तब से लेकर अब तक बुधवार की रात हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक गर्म रात्रि के रूप में दर्ज हुई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब यहां का न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सैल्सियस के स्तर तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के सहायक अधिकारी विनोद शर्मा ने माना कि यह अब तक का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान है। इससे पहले कभी भी इतना अधिक तापमान रिकॉर्ड नहीं किया गया है। गर्मी से लोग बेहाल हो गए हैं। निचले क्षेत्रों में यह अब तक का नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है जब दिन और रात्रि के तापमान में इतनी अधिक वृद्धि हुई है। हालांकि वीरवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सैल्सियस रहा लेकिन रात्रि के तापमान में इतनी अधिक बढ़ौतरी कभी भी दर्ज नहीं की गई।

मई माह के पिछले 21 वर्षों के आंकड़ों पर नजर

मई माह के पिछले 21 वर्षों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो न्यूनतम पारा कभी भी 28.4 डिग्री सैल्सियस को पार नहीं कर पाया। वर्ष 2001 में न्यूनतम तापमान 20.5, वर्ष 2002 में 20.8, वर्ष 2003 में 18, वर्ष 2004 में 18.7, वर्ष 2005 में 18.6, वर्ष 2006 में 24.9, वर्ष 2007 में 24.7, वर्ष 2008 में 19.4, वर्ष 2009 में 20.9, वर्ष 2010 में 22.7, वर्ष 2011 में 25.5, वर्ष 2012 में 25.0, वर्ष 2013 में 25.6, वर्ष 2014 में 24.0, वर्ष 2015 में 20 डिग्री, वर्ष 2016 में 26 डिग्री, वर्ष 2017 में 25, वर्ष 2018 में 25, वर्ष 2019 में 20.8, वर्ष 2020 में 23 जबकि वर्ष 2021 में मई माह में न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया था।

जून माह में कभी भी 30 डिग्री का आंकड़ा नहीं छू पाया था न्यूनतम तापमान

जून माह में पिछले 21 वर्षों के रिकॉर्ड के अनुसार कभी भी न्यूनतम तापमान 30 डिग्री का आंकड़ा नहीं छू पाया था। वर्ष 2001 में न्यूनतम तापमान 22.6, वर्ष 2002 में 22.8, वर्ष 2003 में 21.3, वर्ष 2004 में 19.2, वर्ष 2005 में 23.3, वर्ष 2006 में 24.6, वर्ष 2007 में 26.3, वर्ष 2008 में 24.0, वर्ष 2009 में 26.2, वर्ष 2010 में 24.9, वर्ष 2011 में 26.0, वर्ष 2012 में 27.8, वर्ष 2013 में 28.6, वर्ष 2014 में 27.3, वर्ष 2015 में 23.5, वर्ष 2016 में 27.8, वर्ष 2017 में 29.8, वर्ष 2018 में 27.4, वर्ष 2019 में 26.0, वर्ष 2020 में 26 जबकि वर्ष 2021 में 31 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया है।

वर्ष 2005 में अधिकतम तापमान पहुंचा था 45.2 डिग्री सैल्सियस

जिला ऊना में पिछले 21 वर्षों में यदि अधिकतम तापमान पर नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2005 में 45.2 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया था। वर्ष 2014 में 45 डिग्री, वर्ष 2019 में 44.9, वर्ष 2003 व 2017 में 44.8, वर्ष 2007 में 44.2 व वर्ष 2010 में 44  डिग्री सैल्सियस रहा है। इसके अलावा बाकी वर्षों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सैल्सियस से नीचे ही रहा है।

गर्मी से बचाव को प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

जिला प्रशासन ने बढ़ती गर्मी पर एडवाइजरी जारी की है। जिला आपदा प्रबंधन एवं प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डीसी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि लोग अपनी सेहत के प्रति सतर्करहें। गर्म हवाएं/लू खतरनाक साबित हो सकती हैं। उन्होंने गर्म मौसम को देखते हुए लोगों को अपनी सेहत के प्रति सावधानियां बरतने को कहा है। डीसी ने कहा कि जहां तक संभव हो धूप में घरों से बाहर न निकलें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं व यात्रा करते हुए अपने पास पानी अवश्य रखें। धूप में हल्के व ढीले कपड़े पहनें। धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें, सिर को टोपी या गमछे से ढकें तथा हमेशा जूते-चप्पल पहनकर ही घर से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर काम करने से पहरेज करें। अगर आपका काम बाहर का हो तो गीले कपड़े को अपने सिर, चेहरे व गर्दन पर रखें। इसके साथ-साथ घर में बने आम पन्ना, लस्सी, नींबू पानी आदि का सेवन नियमित रूप से करें। बच्चों व पालतू जानवरों को पार्क किए हुए वाहनों में अकेला न छोड़ें। अपने घर को ठंडा रखें व पर्दों का इस्तेमाल करें। रात को घर की खिड़कियां खुली रखें। स्थानीय मौसम व आने वाले दिनों के अनुमानित तापमान में परिवर्तन के बारे में सतर्क रहें। तबीयत ठीक न होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लू लग जाने पर करें ये काम

डीसी ने कहा कि सावधानी बरतने के बावजूद अगर किसी को लू लग जाए तो उसे तुरंत छांव में बिठा दें। तंग कपड़े पहनें हो तो उसके कपड़ों को ढीला कर दें। ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोंछे या ठंडे पानी से नहलाएं। मरीज को ओआरएस या नींबू-पानी की घोल पिलाएं ताकि शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाई जा सके। यदि व्यक्ति उल्टी करे या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने या पीने को न दें। लू लगे व्यक्ति की हालत में अगर एक घंटे तक सुधार न हो तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं और चिकित्सक की सलाह लें।

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