मुझे सिर्फ CM वीरभद्र प्यारे, कांग्रेस नहीं

Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Jun, 2017 09:35 AM

me just cm virbhadra pyaare  not congress

जनता में अपने सामाजिक रसूख के बूते राजनीतिक रसूख हासिल करना और वे भी किसी भी राजनीतिक पृष्ट भूमि के बूते। मौजूदा दौर में यह एवरैस्ट फतेह करने के बराबर है।

जनता में अपने सामाजिक रसूख के बूते राजनीतिक रसूख हासिल करना और वे भी किसी भी राजनीतिक पृष्ट भूमि के बूते। मौजूदा दौर में यह एवरैस्ट फतेह करने के बराबर है। इसका पुख्ता उदाहरण हैं कांगड़ा के विधायक पवन काजल। 7 साल की आयु में पिता के निधन के बाद पवन काजल ने न केवल स्वयं व परिवार को संभाला, बल्कि पिता के कारोबार को भी आगे बढ़ाया। जमा 2 की कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद पवन काजल ने ठेकेदारी का कार्य शुरू किया। 1997 में डी क्लास के ठेकेदार बने और ठेकेदारी में अच्छा काम करके 2004 में ए क्लास का ठेकेदार बने।


वीरभद्र से लगाव, कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं
पवन काजल 2 बार जिला परिषद के चुनाव जीते, वहीं 2012 के विधानसभा चुनावों में आजाद चुनाव लड़कर 11200 वोट हासिल किए। यह भी अजीव संयोग है कि पवन काजल प्रदेश के पहले ऐसे युवा हैं जिसने 2006 और 2007 में तपोवन स्थिति प्रदेश की दूसरी विधानसभा को बनाया भी और विधायक बनकर उसमें पहुंचे भी। पहले जनता की आंखों के नूर बने पवन अब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की आंखों के काजल बन गए हैं। काजल यह मानते हैं कि उनको सिर्फ वीरभद्र से लगाव है, कांग्रेस से उनको कोई लेना-देना नहीं है। पंजाब केसरी के जिनेश कुमार की पवन काजल के साथ एक विशेष बातचीत में कई मुद्दों पर खुलकर बात की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश।


* आहिस्ता- आहिस्ता आप 4 आजाद विधायकों का भाजपा के साथ नजरें चार होने का हल्ला चला हुआ है। आपका क्या मूड है?
-मैं संस्कारी आदमी हूं, दगा करना मेरी फितरत नहीं है।

* तो माना जाए आप कांग्रेस में जाएंगे?
-मेरे ऊपर वीरभद्र सिंह के बहुत एहसान हैं। मैं उनको धोखा देना तो दूर की बात, सोच भी नहीं सकता।

*यानि कांग्रेस ही आशियाना बनेगी आपका?
-मैंने कहा ना सिर्फ  और सिर्फ  वीरभद्र सिंह, नो कांग्रेस। 

* आपको नहीं लगता कि कांग्रेस आपको पचा कर राजी नहीं है और आप जबरन मोह-माया में फं से हुए हैं?
-आपको ऐसा क्यों लगता है, मुझ पर तो पूरा प्यार और भरोसा है, सबको।

* हाल ही में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह बयान दिया था कि आप सरकार का हिस्सा हैं, संगठन का नहीं...
- यह बयान मीडिया ने तोड़-मरोड़ के पेश किया था। जब कोई आजाद चुनाव जीतता है तो वह किसी दल की सदस्यता हासिल नहीं कर सकता।

* जिस सरकार के सहयोगी हैं, वही सरकार भी आपको अपना नहीं मानती?
-ऐसा तो किसी ने नहीं कहा, मैंने सरकार को अपना समर्थन दिया है।

* ठाकुर कौल सिंह ने कहा है कि आप आजाद विधायक हमारे आदमी नहीं हैं, वह तो सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं?
-ठाकुर कौल सिंह को किसने बोल दिया कि हम उनके आदमी हैं। उन्होंने ऐसा कैसे समझ लिया कि हम उनके आदमी हैं। हमने कौल सिंह को कब कहा कि हम आपके हैं। मैं तो वीरभद्र सिंह का आदमी था, हूं और रहूंगा। 

* तो बी.जे.पी. से नफरत है आपको?
- न बी.जे.पी. खराब न कांग्रेस खराब।

* मायने क्या यह हैं कि आपको बी.जे.पी. से नफ रत न भी सही, खुन्नस तो होगी, टिकट न मिलने की?
-राजनीति में खुन्नस थोड़े होती है।

* बी.जे.पी. से प्यार है अभी तक?
-मैंने आजाद चुनाव लड़ा और विधायक बना। वीरभद्र सिंह ने मुझे अपने बच्चों की तरह समझा भी और माना भी। वीरभद्र सिंह के प्रति मेरी पूरी आस्था है।

* सवाल का जवाब दीजिए, बी.जे.पी. से प्यार है अभी भी या नहीं?
-मैंने कहा न, वीरभद्र सिंह में मेरी आस्था है। उनका हाथ मेरे सिर पर रहेगा और मैं उनका रहूंगा।

* बी.जे.पी. में जाएंगे या नहीं?
-अभी तो बिल्कुल नहीं, बाकी राजनीति में हर सम्भावना होती है, पर मेरे लिए राजनीति से पहले वीरभद्र सिंह हैं।


*अगर सी.एम. आपको बच्चों की तरह समझते हैं तो उनके ही कैबिनेट मंत्री और पुराने गुरु जी.एस. बाली आपसे खफा क्यों हैं अब?
-कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली। क्या बात कह दी आपने।


* इसमें राजा भोज क्या वीरभद्र सिंह हैं?
-मैं जी.एस. बाली जी की बात कर रहा हूं। गंगू तेली तो मैं हूं, वो बड़े कद के नेता हैं।


* कांगड़ा के मंत्री कांगड़ा जिला का सबसे बड़ा नेता होने की लड़ाई लड़ते हैं, आप किसको कांगड़ा का नेता मानते हैं?
-मैं तो सिर्फ  वीरभद्र सिंह को सबसे बड़ा नेता मानता हूं। जब प्रदेश का सबसे बड़ा नेता है तो जिलों की बात मेरे लिए मायने नहीं रखती।


* आप जब वीरभद्र सिंह के इतने बड़े फैन हैं तो क्या आपने अपने दोस्त मनोहर धीमान को नहीं समझाया कि भाई आप भाजपा से गलबहियां न करो, सलाह कोई उनके लिए?
- राजनीति में कोई किसी को न तो सलाह देता है न तो लेता है। समझा करो साहब, है न।


* इस बार क्या आप कांग्रेस की टिकट मांगेगे क्या?
-मैंने कहा न, सिर्फ  वीरभद्र सिंह जो वह कहेंगे, मैं वह करूंगा। मेरे को पहले भी जनता ने टिकट दी है और विधानसभा पहुंचाया था। इस बार भी पवन काजल इतना जानता और मानता है कि वह जनता के प्यार से रिपीट करेगा। वीरभद्र सिंह का आशीर्वाद इतना मिला है कि जनता ने मुझे और मजबूत कर दिया है।


* कांगड़ा ब्लॉक कांग्रेस आपका साथ देगी क्या, खबरें तो यह हैं कि कांग्रेस का संगठन आपको टिकट देने के लिए तैयार ही नहीं है?
-उनसे टिकट कौन मांग रहा है। मैं टिकट मांगूंगा तो वीरभद्र सिंह से मांगूंगा, जो राजा कहेंगे वही मानूंगा मैं।

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