Kangra: किसानों के खेतों की मिट्टी में कौन से पोषक तत्व कम, मैप से मिलेगी जानकारी

Edited By Vijay, Updated: 30 Nov, 2024 12:03 PM

map will provide information about deficiency of nutrients in soil of fields

किसानों के खेतों की मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं, इसकी जानकारी मैप से मिलेगी। प्रदेश में भले ही अब तक खंड स्तर पर साॅयल फर्टिलिटी मैप तैयार किए गए हैं....

पालमपुर (भृगु): किसानों के खेतों की मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं, इसकी जानकारी मैप से मिलेगी। प्रदेश में भले ही अब तक खंड स्तर पर साॅयल फर्टिलिटी मैप तैयार किए गए हैं परंतु अब इसे और अधिक स्टीक बनाया जाएगा। ऐसे में अब किसान के खेत तक का डाटा गांव स्तर पर बनाए जाने वाले साॅयल फर्टिलिटी मैप में उपलब्ध होगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि खंड स्तर पर बने साॅयल फर्टिलिटी मैप के पश्चात गांव स्तर पर बनने वाले साॅयल फर्टिलिटी मैप किसानों के लिए अधिक कारगर सिद्ध होंगे तथा किसानों को अपने खेत में किन पोषक तत्वों की आवश्यकता है, उसके अनुसार उन तत्वों का समावेश मिट्टी में कर सकेंगे। इस सारी कवायद को कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के वैज्ञानिक सिरे चढ़ाने जा रहे हैं। इसके लिए एक परियाेजना तैयार की गई है। जिसे स्वीकृति के लिए वित्त पोषित एजैंसी को भेजा गया है।

मृदा की उर्वरता बढ़ाने में अनेक कारक महत्वपूर्ण
विशेषज्ञ बताते हैं कि मृदा की उर्वरता बढ़ाने में अनेक कारक महत्वपूर्ण हैं।  उनके अनुसार विभिन्न पदार्थ विघटित होते हैं, नाइट्रोजन, फास्फोरस, आयरन आदि जैसे कई महत्वपूर्ण तत्व निकलते हैं, जिससे उर्वरता की मात्रा बढ़ जाती है। पोषक तत्वों से समृद्ध मिट्टी को ही उपजाऊ कहा जाता है। उपजाऊ मिट्टी प्राकृतिक या जन्मजात हो सकती है और इसे कृत्रिम उर्वरकों या खादों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। मिट्टी की उर्वरता भौतिक, रासायनिक या जैविक कारकों से प्रभावित हो सकती है जिसका अंततः पौधों की वृद्धि पर प्रभाव पड़ता है। नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर और कार्बन आदि जैसे पोषक तत्व पौधों द्वारा वैसे ही नहीं लिए जाते हैं, अपितु उन्हें सूक्ष्मजीवों और पोषक चक्रण की सहायता  से उनके मानक रूपों में परिवर्तित करना पड़ता है। मिट्टी के पोषक तत्वों का प्रभावी प्रबंधन आवश्यक है। सॉयल फर्टिलिटी मैप में कैल्शियम, इलैक्ट्रिकल कंडक्टिविटी, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, नाइट्रोजन, ऑर्गेनिक कार्बन, फास्फोरस, पीएच वैल्यू, जिंक  के अतिरिक्त मृदा क्षरीय है, अम्लीय है या न्यूट्रल है, इन तत्वों का पता लगाया जाता है। वहीं समय-समय पर इसका पुनर्निरीक्षण किया जाता है।

क्या कहते हैं कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डाॅ. नवीन कुमार ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के वैज्ञानिकों द्वारा ब्लॉक स्तर पर सॉयल फर्टिलिटी मैप पहले ही तैयार किए गए हैं, जिसे कृषि के साथ शेयर किया गया है। वहीं विश्वविद्यालय की वैबसाइट पर भी  उपलब्ध करवाया गया है।  अब इसे और अधिक स्टीकता प्रदान करने के लिए गांव स्तर पर ले जाने का प्रोजैक्ट तैयार किया गया है। प्रोजैक्ट तैयार कर वित्त पोषित एजैंसी को भेजा गया है। 
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