Edited By Vijay, Updated: 25 Dec, 2019 09:40 PM
कालका-शिमला एनएच पर मंगलवार देर रात सनवारा फाटक के समीप भू-स्खलन हो गया। इस कारण ऊपर की ओर स्थित नंदे के थड़ा गांव को खतरा पैदा हो गया है। एसडीएम सहित एनएचएआई व फोरलेन निर्माता कंपनी के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया।
परवाणु (ब्यूरो): कालका-शिमला एनएच पर मंगलवार देर रात सनवारा फाटक के समीप भू-स्खलन हो गया। इस कारण ऊपर की ओर स्थित नंदे के थड़ा गांव को खतरा पैदा हो गया है। एसडीएम सहित एनएचएआई व फोरलेन निर्माता कंपनी के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया। जानकारी के अनुसार हाईवे पर सनवारा के समीप नंदे का थड़ा गांव में देर रात करीब एक बजे पहाड़ी दरक गई।
एक घंटे तक जाम में फंसे रहे वाहन
पहाड़ी के दरकने से लगभग एक घंटे तक जाम लगा रहा। इसके पश्चात कंपनी की जेसीबी द्वारा मलबा हटाकर सड़क को बहाल किया गया। पहाड़ी से मलबा इतनी अधिक मात्रा में आया कि अभी तक एक तरफ रोड पत्थर व मिट्टी आने से बंद है। भू-स्खलन से पहाड़ी पर बने घरों को भी खतरा पैदा हो गया है और लगातार जमीन धंस रही है। इससे पहले भी यहां पर पहाड़ी की कटिंग करने के बाद भू-स्खलन हुआ था और लगाए गए डंगे भी टूट चुके हैं।
डर के साये में जी रहे गांव के लोग
नंदे का थड़ा गांव के लोगों ने बताया कि फोरलेन की कटिंग के बाद वे डर के साये में जी रहे हैं। बरसात में भू-स्खलन के बाद अधिक परेशानी झेलनी पड़ी है। पहले घरों को जाने वाले रास्ते को नुक्सान पहुंचा तो उसके बाद खेतों में दरारें पडऩी शुरू हो गईं। बरसात के बाद गांव में एक घर में दरारें पड़ गई हैं और अब मंगलवार रात को भू-स्खलन से परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द उन्हें मुआवजा दिलवाया जाए और कंपनी द्वारा सड़क से पुन: डंगा लगवाया जाए ताकि अन्य मकानों में दरारें न आ सकें।
टीम मौके पर जाकर करेगी नुक्सान का आकलन
एसडीएम सोलन रोहित राठौर ने बताया कि मौके का निरीक्षण एनएचएआई और जीआर. इंफ्रास्ट्रक्चर की टीम ने कर लिया है। वीरवार को टीम मौके पर जाकर नुक्सान का आकलन करेगी, साथ ही पिछले दिनों किए गए जियोलॉजी सर्वे की रिपोर्ट जल्द भेजने के लिए भी कहा गया है।