Edited By Jyoti M, Updated: 22 Jun, 2025 12:55 PM

एक तो गरीबी और ऊपर से पति की असामयिक मृत्यु और उस पर तीन-तीन बच्चों एवं वृद्ध सास-ससुर की देखभाल की जिम्मेदारी। किसी महिला पर इस तरह की विपदा आन पड़े तो ऐसे में, वह उस विपदा से कैसे निपटे? वह किससे मदद मांगे? लेकिन, किसी श्रमिक परिवार की कोई भी महिला...
हमीरपुर। एक तो गरीबी और ऊपर से पति की असामयिक मृत्यु और उस पर तीन-तीन बच्चों एवं वृद्ध सास-ससुर की देखभाल की जिम्मेदारी। किसी महिला पर इस तरह की विपदा आन पड़े तो ऐसे में, वह उस विपदा से कैसे निपटे? वह किससे मदद मांगे? लेकिन, किसी श्रमिक परिवार की कोई भी महिला या अन्य श्रमिक ऐसी विपरीत परिस्थितियों से घिर जाए और वह हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हो तो उसे बोर्ड की ओर से काफी मदद मिल सकती है।
कुछ ऐसी ही परिस्थितियों से घिरी जिला हमीरपुर के भरेड़ी क्षेत्र के गांव घुरालड़ा की सुमना देवी को कामगार कल्याण बोर्ड ने बहुत बड़ा सहारा प्रदान किया है। अगर बोर्ड की कल्याणकारी योजनाएं न होती तो आज शायद सुमना देवी, उसके बच्चों और सास-ससुर को न जाने कितनी मुसीबतें झेलनी पड़तीं। सुमना देवी और उसके पति प्रवीण कुमार दिहाड़ी-मजदूरी और खेती-बाड़ी करके अपनी गुजर-बसर कर रहे थे। इन्होने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में भी अपना पंजीकरण करवा रखा था। कुछ वर्ष पूर्व प्रवीण कुमार को बीमारी ने घेर लिया और लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व उनकी असामयिक मृत्यु हो गई। इससे सुमना देवी, उसके तीन बच्चों और वृद्ध सास-ससुर पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। बच्चों की पढ़ाई तो दूर, परिवार के दैनिक खर्चे चलाना भी मुश्किल हो गया।
पूरी तरह से आस छोड़ चुकी सुमना देवी के लिए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की योजनाएं बहुत बड़ी उम्मीदें लेकर आईं। सुमना देवी और उनके पति बोर्ड में पंजीकृत श्रमिक थे। इसलिए, वे इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र थे। पति की असामयिक मृत्यु पर सुमना देवी को बोर्ड ने 2.20 लाख रुपये की आर्थिक मदद जारी की। इससे पूरे परिवार को बहुत बड़ा सहारा मिला। अब बीएससी नर्सिंग का कोर्स कर रही बड़ी बेटी, ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ रहे बेटे और छोटी बेटी की फीस के लिए भी सुमना देवी ने बोर्ड में आवेदन कर दिया है। इससे सुमना देवी को घर-परिवार को चलाने के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई की चिंता करने की आवश्यकता भी नहीं है।
यही नहीं, अब उसने जर्जर हो चुके अपने पुराने मकान की जगह नया मकान बनाने के लिए भी कामगार कल्याण बोर्ड से 3 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है। भविष्य में बच्चों की शादी के लिए भी उसे बोर्ड की ओर से आर्थिक मदद मिल सकती है। इस प्रकार, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की 14 कल्याणकारी योजनाएं सुमना देवी जैसी गरीब श्रमिकों के परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।