Edited By Kuldeep, Updated: 12 Feb, 2025 06:52 PM
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जिला कुल्लू में बुधवार सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में देवी-देवताओं के स्वर्ग प्रवास से लौटते ही 400 से अधिक देवालयाें के कपाट खुल गए। उसके बाद दोपहर बाद तक देवालयों में देव कारज चलते रहे।
कुल्लू (शम्भू प्रकाश): जिला कुल्लू में बुधवार सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में देवी-देवताओं के स्वर्ग प्रवास से लौटते ही 400 से अधिक देवालयाें के कपाट खुल गए। उसके बाद दोपहर बाद तक देवालयों में देव कारज चलते रहे। देवी-देवताओं ने अपने गुरों के माध्यम से वर्षफल के बारे मेें भविष्यवाणी की। मंदिरों के कपाट खुलने के बाद देवी-देवताओं की विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हो गई। मंगलवार तक देवालय में बाहर ही पुजारी धूप जलाकर पूजा कर रहे थे। जहां देवालयों के औजार आदि रखे गए थे, वहां भी पूजा-अर्चना हो रही थी।
फाल्गुन मास की संक्रांति के मौके पर बुधवार को मंदिरों के गर्भगृह खुले और पूजा-अर्चना हुई। कई जगह देवी-देवताओं के बजंतरी मंदिरों से कुछ दूर बने भवनों में रह रहे थे और आज सभी पारंपरिक वाद्ययंत्र देवालयों में ले जाए गए। देवता मंगलेश्वर महादेव ने अपने गुर के माध्यम से लोगों को चेताया कि देव स्थलों से छेड़छाड़ न करें और सदियों से चले आ रहे देव नियमों की पालना करें। मनमानी की तो आपदा से साक्षात्कार होगा और नियम माने तो आंच भी नहीं आएगी तथा सुरक्षा होगी। देव स्थलों पर दूसरों को भी मनमानी करने से रोकें।
कुछ जगह देवी-देवता 1 या 2 दिन तो कहीं 5 व 7 दिन बाद भविष्यणी करेंगे। देवता भृगु ऋषि, देवी पटंती, देवता नारायण, देवी भागासिद्ध व देवता कार्तिक स्वामी सहित 400 से अधिक देवालयों के कपाट खुलते ही लोगों ने देव दर्शन किए। सिमसा में देवता कार्तिक स्वामी के देवालय में अभिनेत्री एवं मंडी की सांसद कंगना रनौत ने भी माथा टेका।
देवलू मनोहर लाल, पुरुषोत्तम शर्मा, कपिल ठाकुर, देवेंद्र ठाकुर, अजय ठाकुर, संजीव शर्मा व कुलदीप आदि ने कहा कि देवालयों के कपाट खुलते ही वे भी मंदिर में दर्शन करने गए। जिला देवी-देवता कारदार संघ कुल्लू अध्यक्ष दोत राम ठाकुर का कहना है कि फाल्गुन मास की संक्रांति को कई मंदिर एक माह तो कई मंदिर 2 महीने के बाद खुले। अब मंदिरों में आम दिनों की तरह लोग दर्शन करने जा सकेंगे। अब देव कारज होंगे और देवी-देवता व देव औजार लोगों के बुलावे पर उनके घरों में जा सकेंगे।