विश्व धरोहर शिमला-कालका रेल मार्ग पर चलेगी हाईड्रोजन गैस ट्रेन

Edited By Vijay, Updated: 22 Jan, 2023 09:52 PM

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विश्व धरोहर शिमला-कालका रेल मार्ग पर हाईड्रोजन गैस ट्रेन चलेगी। उत्तर रेलवे ने इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है। केंद्र सरकार की ओर से आगामी बजट में शिमला-कालका रेल मार्ग सहित कई अन्य रेल मार्गों पर हाईड्रोजन गैस ट्रेन संचालित करने के लिए...

शिमला (अभिषेक): विश्व धरोहर शिमला-कालका रेल मार्ग पर हाईड्रोजन गैस ट्रेन चलेगी। उत्तर रेलवे ने इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है। केंद्र सरकार की ओर से आगामी बजट में शिमला-कालका रेल मार्ग सहित कई अन्य रेल मार्गों पर हाईड्रोजन गैस ट्रेन संचालित करने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलने पर शुरूआत में सबसे पहले शिमला-कालका रेल मार्ग पर हाईड्रोजन गैस ट्रेन का संचालन शुरू किया जाएगा। उत्तर रेलवे के अम्बाला डिवीजन ने शिमला-कालका रेलवे सैक्शन में हाईड्रोजन गैस स्टेशन बनाने के लिए स्थान भी चयनित कर लिए हैं। कालका, बड़ोग व शिमला रेलवे स्टेशनों पर ये हाईड्रोजन गैस स्टेशन बनाए जाएंगे। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिसम्बर माह में यह घोषणा की थी कि दिसम्बर 2023 तक देश के चिन्हित रेल मार्गों पर हाईड्रोजन ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा। अब आगामी केंद्रीय बजट में इस प्राजैक्ट की औपचारिक  घोषणा हो सकती है। घोषणा होने पर केंद्र की ओर से इन ट्रेनों के संचालन के लिए बजट जारी होगा। 

हाईड्रोजन गैस ट्रेन में लगेंगे 7 कोच
शिमला-कालका रेल मार्ग पर प्रस्तावित हाईड्रोजन ट्रेन में 7 कोच लगेंगे। कोच का साइज व यात्रियों की संख्या ब्रिटिशकालीन समय की नैरो गेज रेल ट्रैक के अनुरूप ही तय होगी। जानकारी के अनुसार अम्बाला रेलवे डिवीजन ने इसके लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर ली है।

ग्रीन जर्नी के लिए सभी नैरोगेज रेल ट्रैक पर चलेंगी हाईड्रोजन पावर्ड ट्रेन 
केंद्र सरकार ने ग्रीज जर्नी यानी कि स्वच्छ पर्यावरण के लिए सभी नैरोगेज रेल ट्रैक पर हाईड्रोजन पावर्ड ट्रेन संचालित करने का निर्णय लिया है। रेलवे ने निर्णय लिया है कि सभी विश्व धरोहर रेल लाइन्स को चरणबद्ध तरीके से स्वच्छ पर्यावरण की पहल के तहत यहां पर हाईड्रोजन पावर्ड इंजन चलाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार उत्तर रेलवे की वर्कशॉप में प्रोटोटाइप हाईड्र्रोजन फ्यूल बेस्ड ट्रेन निर्मित की जा रही है। इस वर्ष के अंत तक इस तरह की पहली ट्रेन का संचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले 2 वर्षों में हैरिटेज लाइंस को पूरी तरह से हाईड्रोजन पावर्ड ट्रेन संचालित करने का लक्ष्य है। 

देश के 8 हैरिटेज सैक्शन में संचालित होती हैं 38 ट्रेनें
देश के 8 हैरिटेज सैक्शन में वर्तमान समय में 38 ट्रेनें संचालित हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार योजना है कि शुरूआत मेें इन सभी सैक्शन्स में कम से कम एक हाईड्रोजन पावर्ड ट्रेन चलाई जाएगी। इसके बाद सभी सैक्शनों में चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। सैंट्रल रेलवे के अंतर्गत 20 किलोमीटर लंबा मैथरन हिल रेल ट्रैक जहां 2 ट्रेन चलती हैं, जबकि उत्तर पूर्व फ्रंटीयर में दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे 88.6 किलोमीटर लंबा है जहां 9 ट्रेनें चलती हैं। इसके अलावा हिमाचल में 164 किलोमीटर कांगड़ा वैली जहां 7 ट्रेनें, शिमला-कालका रेलवे जहां 96.5 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक पर 7 ट्रेनें संचालित होती हैं। इसके अलावा वैस्टर्न रेलवे व दक्षिण रेलवे सैक्शन में भी हैरिटेज सैक्शन्स हैं।

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