Edited By Ekta, Updated: 22 May, 2018 03:35 PM
कुल्लू के अखाड़ा बाजार स्थित ऐतिहासिक बावड़ी का पानी दूषित हो गया है। इसके पानी से जहां पहले भगवान रघुनाथ का स्नान होता था। आज उसमें सीवरेज के अवशेष पाए जा रहे हैं। जिसके चलते यह पीने लायक नहीं है। बावड़ी के पास फैली गंदगी से इसके अस्तित्व पर भी खतरा...
कुल्लू (मनमिंदर): कुल्लू के अखाड़ा बाजार स्थित ऐतिहासिक बावड़ी का पानी दूषित हो गया है। इसके पानी से जहां पहले भगवान रघुनाथ का स्नान होता था। आज उसमें सीवरेज के अवशेष पाए जा रहे हैं। जिसके चलते यह पीने लायक नहीं है। बावड़ी के पास फैली गंदगी से इसके अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा गया है और अब लोग भी इसका उपयोग करने से डर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार यहीं से देवभूमि कुल्लू के अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ जी के जलाभिषेक के लिए पानी लाया जाता था जो आज के समय में दूषित होने के बाद अब बंद कर दिया गया है।
काफी समय पहले इस पेयजल स्त्रोत का सैंपल भी लिया गया था जोकि जांच में फेल हो गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रवासी मजदूर आज भी इस गंदे पानी को पी रहे हैं। जिससे कभी भी यहां बीमारी फैल सकती है। ऐसे में नगर परिषद कुल्लू व विभाग से मांग की है कि शीघ्र ही यहां पर आसपास नल उपलब्ध करवाया जाए ताकि लोगों को यह दूषित पानी न पीना पड़े। साथ ही यहां पर बने हुए सीवरेज टैंक को हटाया जाए। ताकि पानी को दूषित होने से बचाया जा सके। पूर्व विधायक महेश्वर सिंह का कहना है कि बेशक यह प्राकृतिक जलस्त्रोत गंदगी के कारण दूषित हो गया है। बावजूद इसके आज भी स्थानीय लोग यहां पर सुबह-शाम पूजा-अर्चना करते हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों को भी जागरूक होने की आवश्यकता है।
बावड़ी का पानी एक ही जगह स्थिर है। जिस कारण पूजा सामग्री व फूल यहीं पर सड़ रहे हैं और यह और दूषित हो रहा है। यह राज परिवार का अपना व्यक्तिगत जलस्त्रोत था और यहीं से पेयजल व भगवान रघुनाथ जी की पूजा होती थी। इसके बारे में कई बार विभाग को अवगत करवाया गया है। लेकिन इसका समाधान नहीं हो पाया। इस मामले में देवेश भारद्वाज का कहना है कि इसके दूषित होने की जानकारी मिली है और जल्द इस पानी का सैंपल भरा जाएगा। पुराने पेयजल स्त्रोत को बचाने की दिशा में विभाग हर सम्भव प्रयास करेगा।