Edited By Vijay, Updated: 17 Mar, 2025 12:47 PM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में हिमाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति देने वाली कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में हिमाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति देने वाली कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इस बजट में किसानों, बागवानों, मछुआरों, पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया है।
कृषि और बागवानी को मिली मजबूती
प्रदेश में हमीरपुर में स्पाइस पार्क का निर्माण किया जाएगा, जिससे मसाला उत्पादन और व्यापार को नई दिशा मिलेगी। किसानों को राहत देते हुए गाय के दूध का दाम 45 रुपए से बढ़ाकर 51 रुपए और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 55 रुपए से बढ़ाकर 61 रुपए किया गया है। कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए मक्की के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 30 से 40 रुपए और गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 40 से 60 रुपए की वृद्धि की गई है। वहीं, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 90 रुपए प्रति किलो तय किया गया है। ऊना जिले में 20 करोड़ रुपए की लागत से पोटेटो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होगी, जिससे आलू उत्पादकों को बेहतर मूल्य मिलेगा। इसके अलावा खेतों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना’ के तहत सोलर फैंसिंग में सहायता दी जाएगी।
भेड़पालकों और मछुआरों को राहत
प्रदेश के घुमंतू भेड़पालकों के लिए एक विशेष योजना लाई जाएगी, जिससे उनकी आजीविका सशक्त होगी। मछुआरों को नई नाव खरीदने पर 40 से 60 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा, जबकि 20 हजार से अधिक मछुआरों और मछली पालक किसानों की रॉयल्टी दर 15 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दी गई है।
वन संरक्षण और हरित विकास को बढ़ावा
प्रदेश में 5000 हैक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण किया जाएगा। महिला और युवक मंडलों द्वारा 1 से 5 हैक्टेयर जमीन पर पौधारोपण किया जाएगा, जिसके लिए पहले वर्ष में 2.40 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। यदि लगाए गए 50 प्रतिशत पौधे पांच वर्षों तक जीवित रहते हैं, तो हर साल 1 लाख रुपए की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी, जिससे कुल 6.40 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक कदम
- पर्यटन उद्योग को गति देने के लिए गैर-जनजातीय क्षेत्रों में होटल और होम स्टे बनाने पर सरकार 4 प्रतिशत ब्याज देगी, जबकि जनजातीय क्षेत्रों में होम स्टे यूनिट के लिए 5 प्रतिशत ब्याज सरकार वहन करेगी।
- ज्वाला जी और नयनादेवी मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- ‘छोटी काशी’ मंडी में शिव धाम के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए।
- मनाली, कुल्लू और नादौन में वैलनैस सेैंटर बनाए जाएंगे, जिससे स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- चांशल क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
- धर्मशाला के तपोवन में अंतर्राष्ट्रीय कन्वैंशन सैंटर के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट।
- प्रदेश के चाय बागानों को इको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
उद्यमिता और स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा
किसान-बागवानों के लिए 100 करोड़ रुपए की लागत से ‘शिवा प्रोजैक्ट’ शुरू किया जाएगा। बागवानी में डिजिटल सेवाओं को बढ़ाने के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। युवाओं को रोजगार के नए अवसर देने के लिए ‘मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना’ की शुरुआत की गई है। साथ ही, हथकरघा उद्योगों को स्थायी मंच प्रदान करने के लिए नई योजनाएं लागू की जाएंगी। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को प्रोत्साहन देने के लिए मोबाइल फूड वैन दी जाएगी, जिससे वे अपनी आजीविका को और मजबूत कर सकें।
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