शिमला से 51 बसें रैली में गई, जिला के ग्रामीण रूटों पर बसों के लिए परेशान हुए यात्री

Edited By Jyoti M, Updated: 12 Dec, 2025 12:21 PM

himachal passengers were troubled for buses on rural routes of the district

मंडी में हुई सरकार की रैली व 3 वर्ष के जश्न को लेकर प्रदेश भर में 1 हजार से अधिक बसें रैली में रहीं। ऐसे में प्रदेशभर सहित शिमला शहर, ग्रामीण व जिला के अन्य क्षेत्रों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण व कई लॉन्ग...

शिमला, (राजेश): मंडी में हुई सरकार की रैली व 3 वर्ष के जश्न को लेकर प्रदेश भर में 1 हजार से अधिक बसें रैली में रहीं। ऐसे में प्रदेशभर सहित शिमला शहर, ग्रामीण व जिला के अन्य क्षेत्रों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण व कई लॉन्ग रूटों पर आई। शिमला ग्रामीण व जिला सोलन के ग्रामीण क्षेत्रों से शिमला आने वाली कई बसें वीरवार को रूटों पर नहीं चलीं।

शिमला जिला से करीब 51 बसें रैली में भेजी गई थीं। ऐसे में शिमला में बसों को लेकर परेशानी हुई। शिमला ग्रामीण की ओर से रोजाना शिमला आने वाले यात्रियों ने बताया कि कुनिहार-शिमला, नेरी, बलैण-शिमला, सतडोल शिमला, ममलीग, घनाहट्टी सहित कई रूटों पर बसें नहीं भेजी गईं। ऐसे में यात्रियों को प्राइवेट बसों में भीड़ के बीच शिमला शहर पहुंचना पड़ा।

वहीं लॉन्ग रूटों पर भी सुबह कई रूटों पर बसें नहीं गईं और लोग बसों का इंतजार करते रहे। इनमें शिमला-ऊना, बैजनाथ, धर्मशाला, चढियार, नालागढ़, तत्तापानी आदि रूटों पर बसें नहीं गईं। ये बसें बीते दिन रूटों से शिमला पहुंची ही नहीं थीं और रैली के लिए चली गई थीं। ऐसे में वीरवार को बसें लॉन्ग रूट पर गईं ही नहीं और लोग बसों का इंतजार करते रहे।

सुबह धर्मशाला बस के लिए इंतजार करते रहे एक यात्री ने बताया कि वह बस का इंतजार करते रहे, लेकिन सरकारी बस नहीं है। वहीं टुटू चौक के एक दुकानदार सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि यदि बसें रैली में भेजनी थीं तो निगम को पहले से बसों की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

यात्रियों ने कहा- रैली जरूरी, जनता नहीं

दोपहर बाद भी बसों के लिए यात्रियों को परेशानी हुई। करीब 3 बजे से शिमला ग्रामीण रूटों पर बसों की आवाजाही शुरू हो जाती है, लेकिन शिमला ग्रामीण के रूटों के लिए पुराना बस स्टैंड में यात्री बसों का इंतजार करते रहे। जब यात्रियों ने बस अड्डा इंचार्ज से पता किया तो पता चला कि बसें क्लब की हैं। एक ही रूट पर जाने के लिए बसों को क्लब किया है। यात्रियों ने आरोप लगाया कि निगम की बसें रैली के लिए भेज दी गईं, जबकि आम जनता की जरूरतों की अनदेखी की गई। वहीं शाम के समय सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को भी परेशानी हुई।

क्लब कर चलाई बसें ऐसा नहीं रूट पर नहीं गईं बसें

उधर, शिमला में बसों की कमी को लेकर निगम अधिकारियों ने कहा कि शिमला शहर में बसों को लेकर कोई कमी नहीं हुई। ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों पर भी क्लब कर बसें चलाई गई हैं। कुछ क्षेत्रों में बसों की कमी आई है, लेकिन उन रूटों पर बसें क्लब की गई थीं। ऐसे में यात्रियों को सुविधा दी गई।

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