Edited By Jyoti M, Updated: 15 Sep, 2025 05:16 PM

करसोग, हिमाचल प्रदेश में रविवार को एक बेहद दुखद घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। एचआरटीसी (Himachal Road Transport Corporation) के ड्राइवर सुधीर ठाकुर, जिन्हें लोग प्यार से 'मोलू' कहते थे, का उनके 47वें जन्मदिन पर ही निधन हो गया। इस...
हिमाचल डेस्क। करसोग, हिमाचल प्रदेश में रविवार को एक बेहद दुखद घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। एचआरटीसी (Himachal Road Transport Corporation) के ड्राइवर सुधीर ठाकुर, जिन्हें लोग प्यार से 'मोलू' कहते थे, का उनके 47वें जन्मदिन पर ही निधन हो गया।
इस साल का जन्मदिन उनके परिवार और दोस्तों ने धूमधाम से मनाने की योजना बनाई थी। घर पर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और पूरा परिवार उनके लौटने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। सुधीर अपनी ड्यूटी खत्म कर दिल्ली से शिमला तक एचआरटीसी की बस चलाकर लाए थे। इसके बाद वह शिमला से करसोग जाने वाली दूसरी बस में बैठकर अपने घर लौट रहे थे।
जब बस करसोग पहुंची और सभी यात्री उतर गए, तब भी सुधीर अपनी सीट पर बैठे रहे। बाकी ड्राइवरों और स्टाफ ने जब उन्हें उठाने की कोशिश की, तो पता चला कि वे बेसुध थे। उन्हें तुरंत करसोग अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी मौत का कारण दिल का दौरा था।
यह खबर सुनते ही करसोग में शोक की लहर दौड़ गई। सुधीर ठाकुर अपनी ईमानदारी और ड्राइवर समुदाय के लिए किए गए कामों के लिए जाने जाते थे। वे हिमाचल ड्राइवर यूनियन के उप-प्रधान भी थे और हमेशा ड्राइवरों के हितों की बात करते थे।
अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर को फूल-मालाओं से सजाकर उनके पैतृक गांव ममेल के बिहाल ले जाया गया। सोमवार को पूरे विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पीछे उनकी दो बेटियां हैं, जिनके लिए यह क्षति असहनीय है। इस दुखद घड़ी में, विभिन्न ड्राइवर संगठनों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। भगवान उनकी आत्मा को शांति और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।