Edited By Vijay, Updated: 10 Jan, 2025 05:35 PM
प्रदेश सरकार ने शिमला में फ्रैंच डिवैल्पमैंट एजैंसी (एएफडी) के साथ 100 मिलियन यूरो (करीब 900 करोड़) रुपए के हिमाचल प्रदेश आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रिपेयर्डनैस प्रोजैक्ट को लेकर समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।
शिमला (भूपिन्द्र): प्रदेश सरकार ने शिमला में फ्रैंच डिवैल्पमैंट एजैंसी (एएफडी) के साथ 100 मिलियन यूरो (करीब 900 करोड़) रुपए के हिमाचल प्रदेश आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रिपेयर्डनैस (एचपी डीआरआरआरपी) प्रोजैक्ट को लेकर समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया। इस समझौता ज्ञापन पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त सचिव और परियोजना निदेशक पीएमयू निशांत ठाकुर तथा एएफडी की ओर से डिप्टी कंट्री डायरैक्टर फॉर इंडिया कैमिली सेवराक ने हस्ताक्षर किए।
पालमपुर में स्थापित होगी एसडीआरएफ की इकाई
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के उपरांत मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि इस प्रोजैक्ट पर एसडीएमए तथा अन्य अधिकारियों ने 5 वर्ष मेहनत की है, उसके बाद अब इस पर हस्ताक्षर हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत आपदा के दौरान प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए विभिन्न विभागों को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत संस्थागत सुदृढ़ीकरण और नीति ढांचा के तहत एसडीएमए तथा आपातकालीन संचालन केंद्रों की क्षमताओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत जलवायु परिवर्तन संवेदनशीलता आकलन, सूचना, शिक्षा व संचार सामग्री का विकास, हिमालयन सैंटर फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन की स्थापना आदि कार्य किए जाएंगे। आपदा तैयारी और आपातकालीन प्रतिक्रिया के तहत प्राकृतिक खतरों के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित की जाएगी। इससे कृषि व बागवानी को भी लाभ होगा, साथ ही जंगल की आग को रोकने, विशेष राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल इकाइयों का गठन, अग्निशमन स्टेशनों और हैलीपैड की स्थापना की जाएगी। एसडीआरएफ की इकाई पालमपुर में स्थापित की जाएगी।
भूस्खलन को रोकने के लिए उठाए जाएंगे कारगर कदम
इस प्रोजैक्ट के तहत भूस्खलन को रोकने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत बायो इंजीनियरिंग नर्सरी तैयार की जाएगी। भूस्खलन रोकने के लिए नई तकनीकों को प्रदर्शित किया जाएगा। राज्य में करीब 1700 भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चिन्हित किए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट से कृषि व बागवानी में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली लागू होने से लोगों को मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। ग्लेशियर लेक आऊटबर्स्ट फ्लड्स और बाढ़ से होने वाले नुक्सान भी कम होंगे। इस परियाेजना की मदद से हजारों लोगों की जान बचेगी और आपदा के खतरों को कम किया जा सकेगा। इस अवसर पर रेजिलियंस डीआरआर सैक्टर पोर्टफोलियो मैनेजर अंशुला मेनन भी उपस्थित थीं।
प्राकृतिक आपदा से होने वाला नुक्सान होगा कम : सक्सेना
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि एचपीडीआरआरआरपी प्रोजैक्ट से प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुक्सान को कम करने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने इस प्रोजैक्ट के तहत आपदा के खतरे को कम करने के लिए तकनीकी सहायता की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत फ्रैंच डिवैल्पमैंट एजैंसी से 100 मिलियन यूरो का द्विपक्षीय समझौता किया गया है, जो आपदा के खतरे को कम करने में मददगार साबित होगा।
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