Edited By Vijay, Updated: 01 Feb, 2020 07:55 PM
वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकार 300 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। आगामी 10 वर्षों के लिए यह ऋण लिया जाएगा और 5 फरवरी तक यह राशि सरकार के खाते में आ जाएगी। सरकार ने बीते जनवरी माह में भी 1500 करोड़ का ऋण लिया था। आंकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश पर...
शिमला (ब्यूरो): वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकार 300 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। आगामी 10 वर्षों के लिए यह ऋण लिया जाएगा और 5 फरवरी तक यह राशि सरकार के खाते में आ जाएगी। सरकार ने बीते जनवरी माह में भी 1500 करोड़ का ऋण लिया था। आंकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश पर करीब 53,145 करोड़ रुपए का कर्ज है। सरकार की तरफ से अक्तूबर, 2019 को 2 अलग-अलग मदों में 400 करोड़ रुपए, गत अगस्त माह में 250 करोड़ तथा गत जुलाई माह में 750 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था। सरकार की वित्तीय हालत का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले लिए गए कर्ज को वापस करने के लिए उसे ऋण लेना पड़ रहा है।
100 में से 7.35 रुपए कर्ज को लौटाने पर हो रहे खर्च
इतना ही नहीं, बजट के प्रति 100 रुपए में से 7.35 रुपए कर्ज को लौटाने पर खर्च हो रहे हैं। इसके अलावा वेतन पर 27.84 रुपए, पैंशन पर 15 रुपए, ब्याज अदायगी पर 10.25 रुपए और शेष 39.56 रुपए विकास कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर सरकार खर्च कर रही है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 2,342 करोड़ रुपए रहने तथा राजकोषीय घाटा 7,352 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जो सकल घरेलू उत्पाद का 4.35 फीसदी होगा। इस घाटे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने 5,068 करोड़ रुपए ऋण लेने की संभावना जताई है। नियमों के अनुसार सरकार सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत कर्ज ले सकती है। इसके तहत वित्तीय वर्ष में 4500 करोड़ रु पए कर्ज लेने की सीमा निर्धारित है।
डीए के लिए भी लेना पड़ेगा ऋण
मुख्यमंंत्री जयराम ठाकुर ने 50वें पूर्ण राज्यत्व दिवस पर बिलासपुर के झंडूता में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कर्मचारियों और पैंशनरों को 5 फीसदी डीए की किस्त जारी करने की घोषणा की थी। यह महंगाई भत्ता एक जुलाई, 2019 से मिलेगा। इससे सरकार पर 250 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। हालांकि इस घोषणा के संबंध में अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है, ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी दिनों में सरकार फिर से कर्ज ले सकती है।