सेब बागवान हो जाएं सावधान! पेड़ों की छाल पर दिख रहे लाल छोटे बिंदु को न करें अनदेखा

Edited By Jyoti M, Updated: 10 Dec, 2025 12:53 PM

himachal do not ignore the small red dots visible on the tree bark

हिमाचल प्रदेश में बागवान सेब के पेड़ों की छाल पर दिख रहे लाल-लाल छोटे बिंदुओं की अनदेखी न करें। यह यूरोपियन रैड माईट (ई.आर.एम.) हो सकता है। इससे बगीचों में रैड माईट का खतरा हो सकता है। ऐसे में बागवान इससे निपटने के लिए समय रहते उपाय करें। हिमाचल...

शिमला, (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में बागवान सेब के पेड़ों की छाल पर दिख रहे लाल-लाल छोटे बिंदुओं की अनदेखी न करें। यह यूरोपियन रैड माईट (ई.आर.एम.) हो सकता है। इससे बगीचों में रैड माईट का खतरा हो सकता है। ऐसे में बागवान इससे निपटने के लिए समय रहते उपाय करें। हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक क्षेत्रों में सेब के पौधों में लगातार बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। गत वर्ष पतझड़ व माईट ने बागवानों को परेशानी किया। रही सही कसर ओलावृष्टि तथा लगातार बारिश ने निकाल दी।

ऐसे में बागवानी विभाग ने बागवानों के लिए एडवाइजरी जारी की है, क्योंकि बगीचों में सर्दियों में ही अधिकांश कार्य होता है। इसे देखते हुए बागवानी विभाग ने बागवानों को अभी से ही अपने बगीचों व सेब के पेड़ों पर ध्यान देने को कहा है। इसको लेकर कहा गया है कि पेड़ों की छाल पर दिख रहे लाल-लाल छोटे बिंदु को बागवान फफूंद या गंदगी समझने की भूल न करें। यह यूरोपियन रैड माईट के ओवरविंटरिंग एग्स हैं, जो मार्च व अप्रैल माह में फूटकर तेजी से पेड़ों को नुक्सान पहुंचाते हैं। ऐसे में बागवान आजकल अपने बगीचों में छाल की दरारों, कलियों और क्रैक्स को अच्छी तरह से देखें। हो सके तो इसे लैंस या मिनी माइक्रोस्कोप से देखें।

यदि फोटो में यह लाल दाने की तरह दिखाई दें तो यह यूरोपियन माईट के अंडे हैं। ऐसे में बागवान अभी इस जगह की सफाई कर सकते हैं तथा तनों में चूने व नीला थोथे का पेंट कर सकते हैं।

माईट से होता है भारी नुक्सान

सेब के पेड़ों सहित फलों को भी माईट नुक्सान पहुंचाती है। माईट सेब के पेड़ों पर पत्तियों का रस चूसकर उन्हें भूरा या कांस्य रंग बना देता है। इस कारण फल का साइज नहीं बन जाता, जिससे गुणवत्ता और पैदावार पर असर पड़ता है तथा पूरा पेड़ भी कमजोर हो जाता है।

हॉफ इंच पर करें एच.एम.ओ. की स्प्रे

के.वी.के. की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. ऊषा शर्मा ने बागवानों को हॉफ इंच पर यानि जब पत्तियां हॉफ इंच की आ जाएं उस समय एच.एम.ओ. की स्प्रे करनी चाहिए। यह माईट व फंजो स्कैल को रोकने के लिए कारगर उपाय है।

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