पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में खेती करने की सरकार ने दी अनुमति : सुक्खू

Edited By Vijay, Updated: 23 Feb, 2024 05:57 PM

govt grants permission to cultivate pong dam wildlife sanctuary

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा जिले की पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी (पौंग डैम वैटलैंड एरिया) में अब खेतीबाड़ी हो सकेगी। इस वर्ष से सरकार ने खेती करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र को अभी तक ईको सैंसिटिव...

शिमला (भूपिन्द्र): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा जिले की पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी (पौंग डैम वैटलैंड एरिया) में अब खेतीबाड़ी हो सकेगी। इस वर्ष से सरकार ने खेती करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र को अभी तक ईको सैंसिटिव जोन घोषित नहीं किया गया है और न ही इसकी कोई अधिसूचना जारी की गई है। पहले पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी की सीमा को निर्धारित किया जाएगा। उसके पश्चात ही ईको सैंसिटिव जोन की अधिसूचना जारी की जाएगी। यह बात उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक होशियार सिंह के मूल तथा भवानी सिंह, बिक्रम सिंह व चंद्र कुमार के अनुपूरक सवाल के जवाब में कही।

ईको सैंसिटिव जोन को अधिसूचित करने से पहले विधायकों से होगी चर्चा, लिए जाएंग सुझाव
सीएम ने कहा कि ईको सैंसिटिव जोन को अधिसूचित करने से पहले साथ लगते विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों से चर्चा कर उनके सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अभी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी एरिया से कुछ हिस्से को हटाने का प्रयास कर रही है लेकिन इसके नियम काफी कड़े हैं, ऐसे में पहले वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी की अधिसूचना जारी होगी और उसके बाद ईको सैंसिटिव जोन बनाने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है और विधायक काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी चिंता से वाकिफ है और जल्द ही सभी से विचार-विमर्श किया जाएगा। प्राकृतिक आपदा और बोटिंग के लाइसैंस पिछले लंबे समय से जारी नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वह बोटिंग के लाइसैंस जारी करे। सीएम ने कहा कि पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में कोई भी टाइगर नहीं है।

लोगों पर बोझ डाल रही सरकार : होशियार
इससे पहले होशियार सिंह का कहना था कि सरकार पौंग बांध क्षेत्र में ईको सैंसिटिव जोन का बोझ लोगों पर डाल रही है जबकि बांध में सैलानियों व पक्षियों की संख्या घटी है, साथ ही लोगों काे खेती करने से भी रोका जाता है तथा खेती करने वाले किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं भवानी सिंह ने क्षेत्र में खेतीबाड़ी करने की अनुमति देने की मांग की। वहीं बिक्रम सिंह ने कहा कि सीएम सबके साथ बैठक करने की बात तो कर देते हैं लेकिन बाद में इस पर अमल नहीं होता है। चर्चा करने के उपरांत ही ईको सैंसिटिव जोन को लेकर निर्णय लिया जाना चाहिए। इस बीच कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि ईको सैंसिटिव जोन की जब अधिसूचना जारी की तो उस समय किसी से भी आपत्तियां नहीं मंगवाई गईं जबकि ऐसा होना चाहिए था कि पहले आपत्तियां मंगवाते। उन्होंने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय वैटलैंड है और यहां कई तरह के नियम लागू होते हैं। उन्होंने कहा कि ईको सैंसिटिव जोन बनने के बाद वहां किसी भी तरह के निर्माण के लिए पहले अनुमति अनिवार्य हो जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि यह अधिसूचना वापस होनी चाहिए।

पौंग बांध में सैलानियों व पक्षियों की संख्या में आई कमी
पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में गत तीन वर्षों में सैलानियों की संख्या में कमी आई है। वर्ष 2021-22 में वहां पर 4956 सैलानी पहुंचे। अगले वर्ष 2022-23 में 2128 तथा 2023-24 में 15 जनवरी, 2024 तक मात्र 1728 सैलानी ही पहुंचे। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 110 प्रजातियों के 110309 पक्षी, वर्ष 2022-23 में 108 प्रजाति के 117011 पक्षी तथा वर्ष 2023-24 में 86 प्रजाति के 83555 पक्षी आए। सीएम ने कहा कि पौंग डैम में वित्त वर्ष 2021-22 में 881680 रुपए और वर्ष 2022-23 में 216810 और वर्ष 2023-24 में इस साल 15 जनवरी तक 236150 रुपए की आय टिकट विंडो, बोटिंग और रैस्ट हाऊस से हुई है।
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