कोविड-19, हेल्थ व डिजास्टर फंड पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 23 May, 2020 05:52 PM

government to issue white paper on kovid 19 health and disaster fund rana

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने हेल्थ डिपार्टमेंट पर भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि महामारी के इस दौर में हेल्थ डिपार्टमेंट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से सरकार व सिस्टम पर से जनता का...

शिमला : राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने हेल्थ डिपार्टमेंट पर भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि महामारी के इस दौर में हेल्थ डिपार्टमेंट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से सरकार व सिस्टम पर से जनता का भरोसा उठ गया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से भयभीत सरकार अगर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने से बचने का प्रयास कर रही है तो कोविड-19 को लेकर हेल्थ व डिजास्टर फंड पर तुरंत श्वेत पत्र जारी करे, ताकि जनता असुरक्षा के माहौल से उभर सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हाल ही में बजट पास किया गया है और वित्त वर्ष के केवल दो-अढ़ाई महीने ही बीते हैं। इसके बावजूद अभी तक किसी भी विभाग में कोरोना की आपा धापी में बजट के खर्च की शुरुआत ही नहीं हो पाई है। जिस कारण से प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह ठप्प हो कर रह गए हैं। उन्होंने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि प्रदेश में महामारी की भयभता को देखते हुए जो 1 हजार करोड़ का बजट सरकार ने मंडी में हवाई अड्डा बनाने के लिए रखा हुआ है, उस बजट को स्वास्थ्य विभाग को दिया जाए, क्योंकि जान बचेगी तो हवाई अड्डे बनाने के बहुत मौके सरकार को मिलेंगे। 

इस वक्त स्वास्थ्य विभाग में बजट की मांग भी है और जरूरत भी है, ताकि इस बजट से भविष्य के खतरे को देखते हुए प्रदेश में कोविड हॉस्पिटल व प्रदेश के अस्पतालों में जीवन के लिए जरूरी वेंटीलेटर और कोरोना बचाव के जरूरी सामान खरीदे जा सकें। उन्होंने कहा कि जब से जयराम सरकार अस्तित्व में आई है तभी से हेल्थ डिपार्टमेंट लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सुर्खियों में रहा है और अब महामारी के दौर में भी यह विभाग भ्रष्टाचार पर सुर्खियां बटोर रहा है। अब सरकार व सिस्टम के बीच के लोगों ने ही सीएमओ स्तर पर 120 करोड़ की खरीद का मामला चर्चा में ला दिया है। उन्होंने कहा कि बेशक सरकार को इस वक्त विपक्ष की बातों पर गुस्सा आता है लेकिन यह भी तय है कि जब विपक्ष आवाज उठाता है सरकार तभी कार्रवाई करती है? अन्यथा मूक और मौन की मुद्रा में रहती है। ऐसा ही सेनेटाइजर खरीद मामले में भी हुआ है। विपक्ष ने जब इस मुद्दे पर आवाज उठाई तब जाकर सीएम ने विजिलेंस को यह जांच सौंपी है जिसमें सरकार व सिस्टम के बीच का भ्रष्टाचार का मोहरा बने डायरेक्टर को हिरासत में लिया गया है।
 

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