Edited By Vijay, Updated: 20 Sep, 2020 08:22 PM
रिवालसर की पवित्र रिवालसर झील के अलावा आसपास के क्षेत्र में ऐसे दर्जनों ऐतिहासिक एवं खूबसूरत रमणीक स्थल हैं जो अपनी विशेष पहचान होने के बावजूद पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हो पाए।
रिवालसर (ब्यूराे): रिवालसर की पवित्र रिवालसर झील के अलावा आसपास के क्षेत्र में ऐसे दर्जनों ऐतिहासिक एवं खूबसूरत रमणीक स्थल हैं जो अपनी विशेष पहचान होने के बावजूद पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हो पाए। लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार अगर इन अनछुए स्थानों का विकास कर देश-विदेश के सैलानियों की नजरों में लाती है तो यहां का पर्यटन व्यवसाय भी कुल्लू-मनाली की तरह फलफूल सकता है।
रिवालसर क्षेत्र में रिवालसर, सिकंदरा धार, सरकी धार, मुरारी धार, डूघा नाल, बागलु धार व जालपा धार में ऐसे खूबसूरत स्थान पर सुंदर झीलें, गुफाएं व धार्मिक मंदिर व ऐतिहासिक किले व ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जिन पर कुदरत तो मेहरबान है लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण पर्यटकों की नजरों में नहीं आए हैं, ऐसे ही सिकंदरा धार के सिद्ध कोट जंगल में लोगों की आस्था से जुड़ी एक अद्भुत विशालकाय शिला है जिसके साथ भी कई प्रकार की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
रिवालसर से करीब 11 किलोमीटर दूर रिवालसर सुंदरनगर वाया लेदा मार्ग स्थित बरस्वाण पंचायत के साथ लगते जंगल में वह सड़क मार्ग से महज 100 मीटर दूरी पर देखने को मिल जाएगी। विशाल चट्टान को स्थानीय भाषा में हिलक रोड़ा व कुछ लोग पांडवों के हुक्के का चुगल भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि कोई सच्चे मन से इस शिला को मात्र एक अंगुली से हिलाए तो भी यह बड़ी जोर से हिलती है जिसे हिलते हुए देख मन रोमांचित हो जाता है। मान्यता है कि जो इस शिला को सच्ची श्रद्धा से हिलाते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।