10 लोगों के नाम पर जारी कर दिए 2 करोड़ के फर्जी ऋण, बैंक का पूर्व शाखा प्रबंधक व शिक्षक गिरफ्तार

Edited By Vijay, Updated: 08 Apr, 2021 12:05 AM

former branch manager and teacher arrested in fake loan case

विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने कांगड़ा बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक तथा एक प्राइमरी स्कूल धमांदरी के शिक्षक को फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किया है। एएसपी विजीलैंस सागर चन्द्र शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि कांगड़ा बैंक की...

ऊना (सुरेन्द्र): विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने कांगड़ा बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक तथा एक प्राइमरी स्कूल धमांदरी के शिक्षक को फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किया है। एएसपी विजीलैंस सागर चन्द्र शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि कांगड़ा बैंक की गवर्नमैंट कालेज ब्रांच के मैनेजर कमलदेव भोगल तथा सरकारी टीचर संदीप कुमार निवासी चलोला के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि बैंक के पूर्व मैनेजर तथा स्कूल टीचर ने षड्यंत्र के तहत 10 लोगों के नाम पर करीब 2 करोड़ रुपए की राशि का ऋण हासिल किया था।

षड्यंत्र के तहत 6 हिमाचल तथा 4 पंजाब के लोगों के नाम पर जाली दस्तावेज तैयार किए, फर्जी बैंक खाते खोले तथा उसके उपरांत प्रत्येक ऋण खाते पर 20-20 लाख रुपए के लोन जारी किए गए। इसके बाद फर्जी चैकों के जरिए इस राशि को निकाल लिया गया जिससे बैंक को 2 करोड़ रुपए का चूना लगाया गया। विजीलैंस को इस मामले की शिकायत मिली, जिसके आधार पर जांच शुरू की गई। जिन 10 लोगों के नाम पर लोन तैयार किए गए उनमें से 6 को ढूंढ लिया गया है जबकि 4 व्यक्तियों का अभी पता नहीं है। ऋण के दस्तावेजों पर इनके पते हरोली के भदसाली गांव के लिए गए हैं लेकिन ये पते फर्जी पाए गए। 6 लोगों ने बताया कि उन्होंने न तो लोन के कागजात पर कभी हस्ताक्षर किए और न ही खाते खुलवाए। इन लोगों को लोन की जानकारी तब मिली जब बैंक की तरफ से नोटिस आए। मैनेजर के साथ फर्जीवाड़े व गबन में शामिल सरकारी शिक्षक संदीप कुमार सभी ऋणों में गारंटर के तौर पर हस्ताक्षर करता था। सभी ऋण 12 मई, 2017 से 24 मई, 2017 के बीच स्वीकृत किए गए व साथ ही सारा पैसा भी फर्जी चैकों से कैश निकाला गया।

एएसपी के मुताबिक सभी ऋणों में आरोपी संदीप कुमार की एक ही जमीन को बैंक के नाम गिरवी रखा गया। इस जमीन की कीमत करीब 5 लाख रुपए है जिस पर 2 करोड़ के ऋण मैनेजर द्वारा जारी किए गए। सबसे बड़ी बात यह है कि इस गिरवी जमीन का इंतकाल भी मैनेजर ने नहीं करवाया व मामले में संलिप्त संदीप कुमार ने इस जमीन को किसी पार्टी को बेच दिया। जांच के बाद विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ऊना में आईपीसी की धारा 409, 467, 471, 477ए व 120बी के तहत मैनेजर कमलदेव भोगल व संदीप कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी हुई है। मैनेजर कमलदेव भोगल को कांगड़ा बैंक द्वारा अन्य मामलों के चलते विभागीय कार्रवाई के तहत नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है।

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