Edited By Vijay, Updated: 31 Aug, 2023 09:47 PM

हिमाचल में सामने आए बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत कार्रवाई अमल में लाते हुए ईडी ने 4 गिरफ्तारियां की हैं।
धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत हुई कार्रवाई, 5 दिन की हिरासत में भेजा
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल में सामने आए बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत कार्रवाई अमल में लाते हुए ईडी ने 4 गिरफ्तारियां की हैं। इनमें एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार के साथ केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और उच्च शिक्षा निदेशालय के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को ईडी ने पीएमएलए विशेष न्यायालय शिमला के समक्ष पेश किया, जहां से सभी को 5 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेजने के आदेश सुनाए गए।
छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के आधार पर ईडी जांच अमल में ला रही है। आरोप हैं कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारियों ने आपसी मिलीभगत से 200 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाले को अंजाम दिया। ईडी की जांच से पता चला कि राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार ने मैसर्ज एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप एंड स्किल डिवैल्पमैंट सोसायटी के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश करके एससी, एसटी व ओबीसी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति का दावा किया। इससे पहले ईडी ने बीते दिनों 4 राज्यों में 24 स्थानों पर दबिश देते हुए 4.42 करोड़ की राशि को अटैच किया था।
ईडी जांच में सामने आया है कि हितेश गांधी की अध्यक्षता वाले केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन पंडोगा ने छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए, जिन्हें अरविंद राजटा ने सत्यापित किया। हितेश गांधी ने छात्रों के बैंक खाते में वितरित छात्रवृत्ति को केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन पंडोगा के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।
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