आईआईटी मंडी के डाॅ. बस्कर बने ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर नैटवर्क के सदस्य

Edited By Vijay, Updated: 20 Dec, 2022 09:07 PM

dr baskar of iit mandi became member of global investigator network

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के स्कूल ऑफ बायो साइंसिज एवं बायो इंजीनियरिंग के फैकल्टी डाॅ. बस्कर बक्थावाचलू एक्सीलैंस इन लाइफ साइंसिज (ईएमबीओ) ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर नैटवर्क (वैश्विक अन्वेषक नैटवर्क) के सदस्य चुने गए हैं, जिसके बाद अब वह...

मंडी (रजनीश): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के स्कूल ऑफ बायो साइंसिज एवं बायो इंजीनियरिंग के फैकल्टी डाॅ. बस्कर बक्थावाचलू एक्सीलैंस इन लाइफ साइंसिज (ईएमबीओ) ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर नैटवर्क (वैश्विक अन्वेषक नैटवर्क) के सदस्य चुने गए हैं, जिसके बाद अब वह ईएमबीओ ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर नैटवर्क से जुड़ने वाले 8 ग्रुप लीडर्ज में शामिल हो गए हैं। भारत, चिली, सिंगापुर और ताईवान में लैब तैयार कर चुके इस समूह के युवा ग्रुप लीडर्ज जनवरी 2023 से आॢथक सहायता, विभिन्न प्रशिक्षण और नैटवर्किंग की सुविधाएं प्राप्त करेंगे। डाॅ. बस्कर बक्थावाचलू का समूह न्यूरोडीजैनरेटिव बीमारियों के सैल्युलर मैकेनिज्म को समझने में लगा है। ग्रुप की विशेष अभिरुचि यह जानने में है कि आरएनए-बाइंडिंग प्रोटीन में जैनेटिक म्यूटेशन से किस तरह मस्तिष्क में विषैला प्रोटीन जमा होने लगता है, जिसके चलते न्यूरोनल मृत्यु होती है जो एमियोट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) जैसी कई न्यूरोडीजैनेरेटिव रोगों में देखी गई है। डा. बस्कर बक्थावाचलू का लैब ऐसे मैकेनिज्म को समझने के लिए बतौर मॉडल ड्रोसोफिला और इंड्रूस्ड प्लुरिपोटैंट स्टैम सैल (आईपीएससी) का उपयोग करता है और न्यूरोडीजैनरेशन रोकने या टालने के लक्ष्य से संभावित दवाओं का पता लगाता है।

विद्यार्थी पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों से कर पाएंगे संपर्क 
डाॅ. बस्कर बक्थावाचलू ने बताया कि ईएमबीओ ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर नैटवर्क में शामिल होने से नैटवर्किंग के कई द्वार खुलते हैं। खासकर छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे जो अब पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों से संपर्क कर पाएंगे। 4 वर्षों के दौरान नए ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर अपने नैटवर्क और रिसर्च पोर्टफोलियो बनाने और विस्तार करने में आॢथक सहायता प्राप्त करेंगे। आर्थिक सहायता में मिलने वाली राशि से वे नई पद्धतियां और तकनीकें जानने के लिए अपने कार्य क्षेत्र और इसके बाहर भी अन्य संस्थानों में जाकर सहयोग करार कर पाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यूरोपीय वैज्ञानिकों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना ही नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना भी है और इस तरह यूरोप के बाहर भी ईएमबीओ समुदायों को बढ़ावा दिया जाएगा। 

ईएमबीओ ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर अवार्ड बहुत प्रतिष्ठित सम्मान
ईएमबीओ ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर अवार्ड जीवन विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत युवा ग्रुप लीडर्ज के लिए बहुत प्रतिष्ठित सम्मान है। ईएमबीओ के निदेशक फियोना वाट ने कहा कि नए ईएमबीओ ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर एक बड़े नैटवर्क का हिस्सा होंगे, जिसमें 700 से अधिक वर्तमान और पूर्व ईएमबीओ ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर, इंस्टालेशन ग्रांटीज और यंग इन्वैस्टीगेटर शामिल हैं। इसकी शुरूआत 2019 में की गई थी और इस साल सफल आवेदकों का यह ग्रुप ग्लोबल इन्वैस्टीगेटर्ज का चौथा समूह है। इस बार कुल 43 आवेदनों के साथ 2022 की सफलता दर 19 प्रतिशत दर्ज की गई। 

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