Edited By Simpy Khanna, Updated: 02 Dec, 2019 03:50 PM
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर के समीप दत्तनगर मिल्कफेड के दुग्ध प्रसंध इकाई के बाहर 3 जिलों के 7 खंडों से आए दूध उत्पादकों ने आज धरना प्रदर्शन किया। इस से पहले दत्तनगर नेशनल हाइवे पर लोग एकत्रित हुए और रैली की शक्ल में मिल्क पलांट पर जा कर...
रामपुर (विशेषर) : हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर के समीप दत्तनगर मिल्कफेड के दुग्ध प्रसंध इकाई के बाहर 3 जिलों के 7 खंडों से आए दूध उत्पादकों ने आज धरना प्रदर्शन किया। इस से पहले दत्तनगर नेशनल हाइवे पर लोग एकत्रित हुए और रैली की शक्ल में मिल्क पलांट पर जा कर धरना दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मिल्कफेड करीब डेढ़ लाख लीटर दूध लेता है जिस में पचास हजार लीटर दत्तनगर में एकत्रित होता है। ऐसे में प्रदेश में सब से अधिक दूध उत्पादक क्षेत्र के लोगों से अनदेखी की जा रही है। प्रदेश सरकार के सयुक्त उपक्रम मिल्कफ्ड पर गंभीर आरोप लगते हुए दूध उत्पादकों ने कहा उनका मिल्फेड शोषण कर रही है। उन्होंने बताया कि बाजार में बोतलबन्द पानी 20 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है ,लेकिन दुर्भाग्य से मिल्कफेड किसानों से 16 से 22 रुपए लीटर दूध ले रही है। जबकि किसानों को दूध उत्पादन में 30 रुपए प्रति लीटर से अधिक लागत आ रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दूध एकत्रीकरण केंद्रों में दूध की गुणवत्ता जांचने के संयंत्र ना होने से दुग्ध उत्पादकों को दूध पतला बता कर दूध के मनमाने दाम दिए जा रहे हैं। उन्होंने गुणवत्ता जांचने के उपकरण हर केंद्र में देने की मांग की ही। इसी तरह उन्होंने आरोप लगाया की पशु औषधालयों और केन्द्रो में ना तो गुणवत्ता पूर्ण दवाये है और न ही स्टाफ। इस से भी दुग्ध उत्पादकों को नुकसानी उठानी पढ़ रही है। इस दौरान माकपा नेता एवं ठियोग के विधायक राकेश सिंघा समेत किसान सभा के नेताओ ने कहा एक ओर प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है ,दूसरी ओर जो किसान स्वयं आजीविका के संसाधन तैयार कर रहे हैं उन्हें सरकार सहायता करने की बजाय शोषित कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में बाहर से मिलावटी दूध आ रहा है ,जिसमें कई प्रकार के रसायनों से यह दूध तैयार होता है। सरकार प्रदेश सीमा पर ऐसे संयंत्र स्थापित करें जिससे हिमाचल में गुणवत्तापूर्ण एवं सही दूध आये।
उन्होंने बताया कि हिमाचल के ऊपरी हिस्सों में दूध जंगलों में चरने वाली गाय का होता है जो ना केवल पोस्टिक है बल्कि व् औषधीय गुणों से युक्तहै. ऐसे में इस दूध के दाम बाजार के अन्य दूध से अधिक रखा जाना चाहिए। ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने बताया दत्त नगर में जो प्रदर्शन किया जा रहा है, हिमाचल प्रदेश में जो दूध उत्पादक है अपने जीवन यापन को चलाने के लिए दूध उत्पादन करता है। दूध उत्पादक आज हिमाचल का सबसे गरीब है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है दूध उत्पादक लंबे समय से दूध की दरें बढ़ाने की मांग उठा रहा है लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। आज दूध के दाम पानी की बोतल से कम है। उन से दूध 18 रुपए प्रति लीटर लिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि फैट की मात्रा कम होना बताकर उनके दूध को सस्ता लिया जाता है। उन्होंने बताया कियह क्षेत्र दुग्ध उत्पादन का सबसे बड़ा क्षेत्र है। लेकिन वहां के दुग्ध उत्पादकों की दशा बिगड़ती जा रही है जिसका जिसे लेकर किसान संघर्ष कर रहे। किसान नेता देवकी नंद ने बताया कि आज जो दत्तनगर में दूध उत्पादक प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां हिमाचल के 3 जिलों के 7 खंडों से दुग्ध उत्पादक आए हैं। उन्होंने बताया कि गांव के अंदर जो दूध बिक रहा है, वह लागत मूल्य से काफी कम दाम में मिल्कफेड के माध्यम से लिया जा रहा है। इस से किसान की आर्थिक दशा बिगड़ती जा रही है।
उन्होंने बताया कि हालत यह है कि दूध सस्ता और बोतलबंद पानी महंगा मिल रहा है। इसी तरह मिल्कफेड दूध का पैसा समय पर नहीं दे रहा है। तीसरा पशु औषधालयों में रिक्तियों के कारण उनकी पशुओं के उपचार में दिखते आ रही है। दुग्ध उत्पादक कमला देवी ने बताया कि हमारे को दूध का दाम बिल्कुल कम दिया जा रहा है। सरकारी संयुक्त उपक्रम मिल्कफेड के अधिकारियों को पता नहीं है कि दूध उत्पादकों को कितनी परेशानी होती है। सुबह गाय के गोबर निकालने से लेकर के कई तरह की दिक्कतें आती है। लेकिन दुर्भाग्य की दूध का दाम बिल्कुल कम कर दिया जा रहा है। इस लिए वे मांग
कर रहे हैकि दूध के दाम 30 रुपए प्रति लीटर होना चाहिए।