Edited By Vijay, Updated: 07 Mar, 2024 12:04 AM
मंडी-कुल्लू रियासतों के आराध्य विष्णु अवतार देव श्री खुड़ी जहल 120 वर्षों के बाद मंडी के अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि उत्सव में शामिल होंगे। हालांकि देवता को मेला कमेटी की ओर से निमंत्रण नहीं है लेकिन देव कमेटी और कारिंदे देवता की हठ को नजरअंदाज न करने...
गोहर (ख्यालीराम): मंडी-कुल्लू रियासतों के आराध्य विष्णु अवतार देव श्री खुड़ी जहल 120 वर्षों के बाद मंडी के अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि उत्सव में शामिल होंगे। हालांकि देवता को मेला कमेटी की ओर से निमंत्रण नहीं है लेकिन देव कमेटी और कारिंदे देवता की हठ को नजरअंदाज न करने पर मेले में शामिल होने को विवश हो गए हैं। देवता 8 मार्च को मेला परिसर में पहुंचेंगे। इसके साथ ही देवता के साथ दोनों जिलों के करीब 350 से अधिक कार-करिंदें पैदल यात्रा कर रहे हैं तथा करीब 150 किलोमीटर का सफर तय कर मंडी पहुंचेंगे। देवता पूरे लाव लश्कर के साथ प्रस्थान कर चुके हैं और करीब 120 किलोमीटर सफर पूरा कर बुधवार को देवता गोहर पहुंच गए हैं, जहां से आज सुबह देवता मंडी को रवानगी शुरू कर देंगे।
देवता के पुजारी पूर्ण चंद शर्मा ने कहा कि आराध्य देव खुड़ी जहल राजाओं की रियासत के दौरान राजा विजय सेन के वक्त से मंडी की शिवरात्रि में शरीक हुआ करते थे लेकिन जबसे अंग्रेजों के काल और सरकार के अस्तित्व में बागडोर गई, तबसे देवता मेले में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि देवता का मंदिर कुल्लू जिले के देयोरी आनी में स्थित है। देवता की दूसरी कोठी मंडी जिला के पौला खुड़ी गाढ़ नामक स्थान पर भी है। उन्होंने कहा कि मेला कमेटी की ओर से हवन भवन में ठहरने का प्रस्ताव है लेकिन मेला परिसर में पहुंचने के बाद देवता खुद रहने और ठहरने के लिए बाध्य हैं। देवता के आदेशानुसार ही आज्ञा का पालन किया जाएगा।
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