Edited By Vijay, Updated: 18 Jan, 2025 05:52 PM
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में पुलिस हिरासत में मारे गए नेपाली युवक सूरज की मौत मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए आईजी जहूर हैदर जैदी सहित 8 पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया है।
शिमला (संतोष): हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में पुलिस हिरासत में मारे गए नेपाली युवक सूरज की मौत मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए आईजी जहूर हैदर जैदी सहित 8 पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया है। हालांकि पूर्व एसपी नेगी और एक अन्य अधिकारी को अदालत ने बरी कर दिया है। इस मामले में सजा पर फैसला 27 जनवरी को होगा।
यह है मामला
कोटखाई की 16 वर्षीय गुड़िया 4 जुलाई, 2017 को लापता हुई थी और दो दिन बाद उसका शव तांदी के जंगल में निर्वस्त्र अवस्था में मिला था। इस दिल दहला देने वाले मामले ने हिमाचल ही नहीं, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया था। जनता के आक्रोश को देखते हुए मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन आईजी सैयद जहूर हैदर जैदी कर रहे थे। एसआईटी ने जांच के दौरान 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें नेपाली युवक सूरज भी शामिल था। 18 जुलाई 2017 को कोटखाई पुलिस थाने में सूरज की मौत हो गई थी।
पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी सूरज की माैत
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मौत का यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया और जांच में खुलासा हुआ कि सूरज की मौत पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसी आधार पर सीबीआई ने आईजी जैदी सहित मामले से जुड़े 9 अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या और सबूत नष्ट करने के आरोप में केस दर्ज किया था। वर्ष 2017 में इस मामले को शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था। बाद में 8 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी बहाल हो गए थे, जबकि जैदी की सेवाएं बहाल नहीं हुई थीं। वर्ष 2023 में जैदी की सेवाएं बहाल कर दी गईं थीं लेकिन अब दोषी करार दिए जाने के बाद उनका भविष्य अधर में है।
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