Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2024 03:20 PM
इधर मिली सरकारी नौकरी तो उधर कर रही थी मौत इंतजार। एक ऐसा दुखद मामला सामने आया है। वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद 53 वर्षीय निजी शिक्षक इस सरकारी जॉब करने की इच्छा तो पूरी हुई लेकिन उसे क्या मालूम था..
जोल (नरेन्द्र): इधर मिली सरकारी नौकरी तो उधर कर रही थी मौत इंतजार। एक ऐसा दुखद मामला सामने आया है। वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद 53 वर्षीय निजी शिक्षक इस सरकारी जॉब करने की इच्छा तो पूरी हुई लेकिन उसे क्या मालूम था कि उसके भाग्य में यह जॉब तो नहीं बल्कि कुछ और ही लिखा है। गगरेट क्षेत्र के तहत गांव ब्रह्मपुर के राकेश कुमार को जब बैचवाइज सरकारी शिक्षक के लिए पत्र मिला तो वह काफी प्रसन्न हुआ। उसे सिरमौर जिला के एक स्कूल में ज्वाइन करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया। इससे पहले उसे मैडीकल की औपचारिकताओं से गुजरना था। ऊना अस्पताल में 2 चिकित्सकों के पैनल से उसकी मैडीकल जांच की। अभी तीसरे चिकित्सक से मैडीकल जांच करवानी थी कि इसी बीच राकेश कुमार की तबीयत खराब हो गई। उसे उपचार के लिए जालंधर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जांच के दौरान पता चला कि उसके फेफड़ों में भारी संक्रमण है और यह अंतिम चरण में है। उपचार के दौरान ही उसकी दुखद मौत हो गई।
गांव ब्रह्मपुर के राकेश कुमार शुरू से ही शिक्षक बनना चाहते थे और उन्होंने दौलतपुरन कालेज में अच्छे अंकों के साथ डिग्री भी हासिल की थी। इसी बीच वह निजी स्कूल में सेवाएं देते रहे। सरकारी नौकरी ज्वाइन करने से पहले ही उसने दुनिया को अलविदा कह दिया। मृतक अपने पीछे 2 बेटियां व पत्नी छोड़ गए हैं। एक बेटी 10वीं तो दूसरी 9वीं कक्षा में अध्ययनरत है। क्षेत्र के तहत ठठल गांव से संबंधित उसकी पत्नी इस हादसे से उभर नहीं पा रही है। उधर बेटियां भी पिता के निधन से बेहद व्यथित हैं। कहां तो घर में सरकारी जॉब की खुशी थी तो कहां एक ही दिन के भीतर उन्हें ऐसा गम मिला कि वह जीवन भर के जख्म दे गया।हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
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