Edited By Vijay, Updated: 17 Sep, 2019 10:20 PM
शातिर साइबर अपराधी ठगी की धनराशि को उनके द्वारा खोले गए फेक पेयू मनी, पेटीएक वॉलेट, साइट्रस पे वॉलटे, फोन-पे वॉलेट, मोबिक्विक वॉलेट आदि में ट्रांसफर करवाते हैं। अलग-अलग मामलों की छानबीन को लेकर विभिन्न राज्यों से जांच कर वापस लौटी राज्य साइबर थाना...
शिमला: शातिर साइबर अपराधी ठगी की धनराशि को उनके द्वारा खोले गए फेक पेयू मनी, पेटीएक वॉलेट, साइट्रस पे वॉलटे, फोन-पे वॉलेट, मोबिक्विक वॉलेट आदि में ट्रांसफर करवाते हैं। अलग-अलग मामलों की छानबीन को लेकर विभिन्न राज्यों से जांच कर वापस लौटी राज्य साइबर थाना पुलिस शिमला की टीम के समक्ष यह तथ्य उभर कर सामने आए हैं। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि भारतवर्ष के पूर्वी राज्यों मिजोरम व आसाम आदि के अशिक्षित बेरोजगार, गरीब युवा, वृद्ध पुरुष व महिलाओं के बैंक खातों को बिचौलियों के माध्यम से देश के बड़े महानगरों जैसे मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली व कोलकाता आदि में बैठे देशी व विदेशी साइबर अपराधी इस्तेमाल करते हैं।
खाताधारकों को नहीं मालूम, साइबर अपराध के लिए प्रयोग हो रहे खाते
यह तथ्य राज्य साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला में दर्ज विभिन्न केसों की जांच के उपरांत पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर के नेतृत्व में मुख्य आरक्षी अरविंद कुमार, आरक्षी दलीप कुमार, अनीष कुमार और निशकांत द्वारा झारखंड, पश्चिम बंगाल, मिजोरम व आसाम राज्यों में जांच के दौरान सामने आए हैं। यह दल अब शिमला लौटा आया है। अंवेषण दल द्वारा छानबीन के दौरान पाया गया कि कुछ बैंक खाते फर्जी नाम व पतों पर खोले गए थे। इसके साथ ही कुछ बैंक खातों के खाताधारकों को यह भी मालूम नहीं था कि उनके खाते को साइबर अपराध के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
बिचौलियों ने पासबुक व ए.टी.एम. करवाए बैंक से जारी
बिचौलियों द्वारा 500, 1000 और 1500 की राशि मेंपासबुक हासिल की गई तथा बिचौलियों द्वारा इनके खातों का ए.टी.एम. भी बैंक से जारी करवाया गया है, ऐसे में पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य गुप्तचर विभाग अशोक तिवारी द्वारा पुलिस महानिदेशक मिजोरम, पश्चिम बंगाल, झारखंड व बिहार को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है किवह अपने प्रदेश में आम जनमानस को जागरूक करें कि वह अपने बैंक खाते व ए.टी.एम. की जानकारी साइबर अपराधियों द्वारा दिए गए लालच में आकर शेयर न करें।
इन पर भी रखी जा रही कड़ी नजर
राज्य साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला द्वारा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध की रोकथाम भारत सरकार की योजना के तहत भी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में उन व्यक्तियों पर भी नजर रखी जा रही है, जो महिलाओं और बच्चे की वीडियो और फोटो इंटरनैट और पोर्न साइट्स के माध्यम से डाऊनलोड कर सोशल मीडिया के माध्यम से वितरित व प्रसारित करते हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ आई.टी. एक्ट व आई.पी.सी. के तहत कार्रवाई हो सकती है।