Edited By Vijay, Updated: 17 Jul, 2021 08:54 PM
लगभग 15 दिन से प्रदेश में क्रशर मालिक हड़ताल पर हैं लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा कोई भी राहत न मिलने से आहत हिमाचल क्रशर एसोसिएशन ने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में सभी क्रशर उद्यमियों का कहना है कि जब तक सरकार क्रशर...
इंदौरा (ब्यूरो): लगभग 15 दिन से प्रदेश में क्रशर मालिक हड़ताल पर हैं लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा कोई भी राहत न मिलने से आहत हिमाचल क्रशर एसोसिएशन ने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में सभी क्रशर उद्यमियों का कहना है कि जब तक सरकार क्रशर उद्योग की जायज मांगों को नहीं मान लेती तब तक वे न तो अपने क्रशर चलाएंगे और न ही तैयार किया हुआ माल बेचेंगे। क्रशर संचालकों के अनुसार हिमाचल सरकार द्वारा क्रशर उद्योग पर नए कड़े कानून थोपे जा रहे हैं जिससे क्रशर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है। क्रशर मालिकों ने सरकार से मांग की है कि उनकों क्रशर चलाने के लिए जेसीबी चलाने की छूट दी जाए और इसके अलावा जैसे अन्य राज्यों में खनन के लिए प्रावधान है वैसे ही हिमाचल में भी आसान नियमों पर खनन की सुविधा प्रदान की जाए। इस अवसर पर समस्त क्रशर यूनियन ने यह भी निर्णय लिया कि हम सब इकट्ठे होकर रात को ठीकरी पहरा लगाएंगे और पंजाब से अवैध रूप से आ रहे माल को प्रदेश में नहीं आने देंगे। प्रदेश में हर रोज सैंकड़ों की संख्या में ओवरलोडिड क्रशर लेकर हिमाचल में आते हैं, जिन्हें प्रदेश की सीमाओं पर ही रोक कर विभाग के सुपुर्द किया जाएगा।
हड़ताल से विकास कार्य होंगे प्रभावित, मजदूर वर्ग को पड़ेगी आर्थिक मार
क्रशर उद्योग बंद होने से जहां एक तो विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ट्रक चालकों व मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाले लोगों को दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है। उधर टिप्पर चालक वर्ग का कहना है कि एक तो पहले ही कोरोना के चलते वे गाडिय़ों की किश्तों का भुगतान समय से नहीं कर पाए और अब इस हड़ताल से उन पर दोहरी मार पड़ रही है।