Edited By Vijay, Updated: 14 Aug, 2024 11:28 AM
एडीशनल चीफ ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट पालमपुर उपासना शर्मा की अदालत ने बैंक लोन धोखाधड़ी के 2 मामलों में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है।
पालमपुर (भृगु): एडीशनल चीफ ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट पालमपुर उपासना शर्मा की अदालत ने बैंक लोन धोखाधड़ी के 2 मामलों में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। पहले मामले में आरोपी की भाभी ने पंजाब नैशनल बैंक की कंडबाड़ी शाखा से 40 लाख रुपए का ऋण लिया था। इस ऋण की अदायगी के लिए आरोपी ने बैंक को 5 लाख रुपए का चैक दिया था, जोकि बाऊंस हो गया। बैंक द्वारा आरोपी को नोटिस भेजने और कोई प्रतिक्रिया न मिलने के बाद धारा 138 नैगोशिएबल इंस्ट्रूमैंट एक्ट के तहत मामला अदालत में दर्ज किया गया। अदालत ने इस मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 2 वर्ष कैद और 8 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
दूसरे मामले में आरोपी ने स्वयं पंजाब नैशनल बैंक की कंडबाड़ी शाखा से ही 15 लाख रुपए का ऋण लिया था। जब उसने लोन की कुछ किस्तें नहीं चुकाई तो बैंक ने संपर्क किया, जिसके बाद आरोपी ने बैंक को 5 लाख रुपए का चैक जारी किया। यह चैक भी बाऊंस हो गया। इसके बाद बैंक ने आरोपी के खिलाफ धारा 138 के तहत नोटिस भेजा। नोटिस के बावजूद जब आरोपी ने बकाया राशि जमा नहीं की तो बैंक ने अदालत में मामला दर्ज करवाया। अदालत ने इस मामले में भी आरोपी को दोषी पाते हुए 2 वर्ष कैद और 8 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
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