सत्ता की मनमानियों के बीच तबाह होता देश : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 21 Sep, 2020 04:55 PM

country destroyed by arbitrariness of power rana

देश की डूब रही अर्थव्यवस्था के बीच अब सरकारी बैंकों में 19964 करोड़ रुपए के फ्रॉड का मामला सामने आया है। हजारों करोड़ों का यह फ्रॉड 2867 मामलों में दर्ज हुआ है।

हमीरपुर : देश की डूब रही अर्थव्यवस्था के बीच अब सरकारी बैंकों में 19964 करोड़ रुपए के फ्रॉड का मामला सामने आया है। हजारों करोड़ों का यह फ्रॉड 2867 मामलों में दर्ज हुआ है। अप्रैल-जून की तिमाही में मांगी गई आरटीआई में यह खुलासा हुआ है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि बैंकों में निरंतर रईसों के सत्ता संरक्षित फ्रॉड के कारण अब बैंकों पर भारी संकट मंडराने लगा है, जिससे आम आदमी की जमा पूंजी भी अब खतरे के जद में है। देश के सबसे बड़े माने जाने वाले भारतीय स्टेट बैंक में आंकड़ों के हिसाब से सबसे ज्यादा फ्रॉड, धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, वहीं मुल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया इस फ्रॉड में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। इसी दौरान पंजाब नेशनल बैंक में भी 270.65 करोड़ के धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। रिजर्व बैंक द्वारा दी गई सूचना में यह भी स्पष्ट है कि यह शुरुआती आंकड़े हैं, इनमें कुछ बदलाव हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद किसी सत्ता के इतिहास में सबसे ज्यादा मामले बीजेपी के राज में दर्ज हुए हैं। जिससे बैंकों के प्रति आम आदमी का भरोसा कम हुआ है, वहीं यह फ्रॉड आम आदमी की चिंता का सबब भी बना है। उधर दूसरी ओर जनादेश का दुरुपयोग करते हुए संसद में कृषि बिल जनभावनाओं के विपरीत पारित करके अब किसानों व खेत मजदूर के उत्पादन को कॉर्पोरेट के हवाले करने का मसौदा तैयार कर लिया गया है। सत्ता में आने के बाद नोटबंदी को ब्लैक मनी से आजादी करार दिया गया था।

इसी तरह देश के लोगों पर गलत जीएसटी लागू करके दूसरी आजादी दी गई और अब कृषि बिल पारित करके सरकार ने किसानों को पूरी आजादी देने का मंसूबा बनाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की 6 साल की सत्ता में जितना संकट सरकार ने आम आदमी पर खड़ा किया है, उतना बड़ा संकट आजादी के इतिहास में आम आदमी पर कभी नहीं आया। मौजूदा दौर में व्यक्तिगत एजेंडे पर चल रही सरकार में अब आम जनता को न सिस्टम पर कोई भरोसा बाकी बचा है और न ही सरकार पर कोई भरोसा बाकी बचा है। 

दुनिया के सबसे बड़े माने जाने वाले लोकतंत्र को सत्ता की साजिशों ने ऐसा बाजार बनाकर रख दिया है, जिस पर किसी को कोई एतवार नहीं है और इसी कम होते एतवार से दुनिया में देश और प्रदेश की साख निरंतर गिरती जा रही है। यह दीगर है कि सत्तासीन बीजेपी अपनी साख को झूठ और झूठ के बुते बरकरार रखने की बात कह रही है। जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि आम आदमी अब इस सरकार की कारगुजारी से हताश और निराश हो चुका है। देश की तबाह हो चुकी अर्थव्यवस्था के कारण बेरोजगारी निम्न स्तर पर पहुंच गई है।

भवन निर्माण क्षेत्र में 50 फीसदी व्यापार, होटल व अन्य सेवाओं में 47 फीसदी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 39 फीसदी व खनन क्षेत्र में 23 फीसदी बेरोजगारी फैली है। हालांकि यह आंकड़े उस सरकार के हैं, जिसका सारा दारोमदार झूठ पर चलता है। लेकिन चिंता की बात यह है कि यह वो क्षेत्र हैं जो देश को सबसे ज्यादा रोजगार देते रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र के लगातार गिरते आंकड़ों का प्रभाव भयावह है। जिस तेज गति से यह क्षेत्र सिमट रहे हैं, उस तेजी से बेरोजगारी बढऩे की स्थितियां लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन हैरत यह है कि सरकार कह रही है कि सब ठीक है। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता की मनमानी का यह सिलसिला यूं ही बदस्तूर चला रहा तो तबाह हो रहा देश पूरी तरह तबाह हो जाएगा।
 

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