हिमाचल कांग्रेस को एक और झटका, कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन भाजपा में शामिल

Edited By Vijay, Updated: 28 Sep, 2022 06:27 PM

congress working president harsh mahajan joins bjp

विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री हर्ष महाजन ने भाजपा का दामन थाम लिया है। करीब 45 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद हर्ष महाजन ने नई दिल्ली में केंद्रीय...

दिल्ली/शिमला (योगराज): विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री हर्ष महाजन ने भाजपा का दामन थाम लिया है। करीब 45 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद हर्ष महाजन ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। सदस्यता ग्रहण करने के बाद हर्ष महाजन ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार के प्रति अपनी आस्था जताई। हर्ष महाजन पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थक रहे हैं। उन्होंने भाजपा में शामिल होने के बाद आरोप लगाया कि देश व प्रदेश में मां-बेटे कांग्रेस पार्टी को चला रहे हैं। ऐसे में जब पार्टी दिशाविहीन व नेतृत्वविहीन हो गई है, तो उन्होंने कांग्रेस को छोड़ना उचित समझा। ऐसी उम्मीद जता रही है कि भाजपा उनको चम्बा या किसी दूसरे स्थान से प्रत्याशी बना सकती है। 

कांग्रेस में सेल ऑफ टिकट व नीलामी हो रही : हर्ष महाजन
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री हर्ष महाजन ने पत्रकारों से बाचतीत में आरोप लगाया कि कांग्रेस में सेल ऑफ टिकट व नीलामी हो रही है। उन्होंने कहा कि वह चुनाव से पहले इसका खुलासा करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि आज कांगे्रस नेतृत्व विहीन व दिशाविहीन पार्टी बनकर रह गई है। कांग्रेस नेता फाइव स्टार कल्चर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तथा हर जिला से मुख्यमंत्री पद के दावेदार सामने आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ओपीएस के मुद्दे पर कांग्रेस झूठा वायदा कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में कांग्रेस के भीतर घमासान जारी है। 

मैं टिकट नहीं मांग रहा
हर्ष महाजन ने कहा कि वह टिकट नहीं मांग रहे हैं। उल्टे पिछले 2 चुनाव नहीं लड़े हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उनको चंबा और शिमला से चुनाव लड़ाना चाहती थी लेकिन राह से भटक रही कांग्रेस से पीछा छुड़ाना ही बेहतर समझा।

वीरभद्र सिंह ने नहीं लड़ने दिया चुनाव 
हर्ष महाजन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने उनको चुनाव नहीं लडऩे दिया तथा चुनाव प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया। वह वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार भी रहे। उनके निधन के बाद कांग्रेस दिशाहीन हो गई है। 

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