क्या देश व प्रदेश प्रचंड जनादेश देने के गुनाह की सजा भुगत रहा है : राणा

Edited By kirti, Updated: 13 Feb, 2020 05:00 PM

congress mla rajendra rana

कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि अब देश में मंहगाई तमाम हदें पार कर गई है। आम आदमी की मूलभूत इस समस्या पर जनता की बात कोई सुनने वाला नहीं बचा है। अंग्रेजी हकुमत की तर्ज पर आम आदमी को प्रचंड बहुमत से मिली सत्ता की निरंतर सजा दी जा रही है...

हमीरपुर: कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि अब देश में मंहगाई तमाम हदें पार कर गई है। आम आदमी की मूलभूत इस समस्या पर जनता की बात कोई सुनने वाला नहीं बचा है। अंग्रेजी हकुमत की तर्ज पर आम आदमी को प्रचंड बहुमत से मिली सत्ता की निरंतर सजा दी जा रही है और इधर कांगड़ा में अपने मन की बात मुख्यमंत्री से कहने आए छात्रों पर लाठियां भांजी जा रही हैं। देश हो या प्रदेश अनिश्चितता व असुरक्षा का माहौल समाज को निरंतर आतंकित किए हुए है। लोग नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर लोकतंत्र में उन्हें सजा किस गुनाह की मिल रही है। लोकतंत्र में सरकार जो सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मानी जाती है वही सरकार, सिस्टम व जनता के द्वारा दिया गया प्रचंड जनादेश देश में आम नागरिक के मानसिक तनाव का सबसे बड़ा कारण बनकर रह गया है।

बच्चे हों या बुजुर्ग, महिलाएं हों या नौजवान हर आदमी इस सरकारी तनाव का शिकार बनकर रह गया है। बुरी तरह फ्लॉप देश की अर्थव्यवस्था में आम आदमी को खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं। देश में औद्योगिक उत्पादन निरंतर गिर रहा है। प्रदेश में मची लूट के कारण कोई भी बड़ा औद्योगिक घराना हिमाचल की तरफ मुंह करने से कतरा रहा है। खुदरा मंहगाई की दर मोदी राज के 6 सालों में आसमान छू रही है। एनएसओ के आंकड़े गवाह हैं कि खुदरा मंहगाई दर 7.59 फीसदी पर जा पहुंची है जो कि विगत 6 सालों में सबसे ऊंची दर है। लगातार पिछले 6 महीनों से खुदरा मंहगाई दर बढ़ रही है लेकिन सरकार बेखबर बनी हुई है। मैन्यूफेक्चर सेक्टर हाल-बेहाल है। जो लोग मोदी मोह में आकर रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ बैठे थे, अब उन पर 150 रुपए प्रति सिलेंडर को और बोझा लादा गया है। पिछले 3 सालों में बिना सब्सिडी वाला घरेलू रसोई गैस सिलेंडर को 145 रुपए बढ़ाकर पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़े गए हैं।

ऐसे में आम आदमी जाए तो जाए कहां। अपनी पीड़ा सुनाए तो सुनाए किसे। देश मंहगाई से त्रस्त है लेकिन सरकार चलाने वाले सत्ता मद में मस्त हैं। ऐसा इस देश में पहली बार देखा गया है। जहां फरियादी युवाओं के टोलों पर लाठियां भांजी जा रही हैं और जामिया जैसी यूनिर्वसिटी में छात्राओं से इस कदर अभद्र र्दुव्यवहार किया जा रहा है कि लोगों को बरबस अंग्रेजी हकुमत की यातनाएं याद आ रही हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले शिक्षित युवतियों को सरेआम बेआबरु करके यातनाएं दे रही है। अराजकता के इस माहौल में आजादी के बाद देश अब तक की सबसे बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है।

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