Edited By prashant sharma, Updated: 20 Apr, 2021 01:48 PM
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब नए हेलीकॉप्टर में घूमेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार को मई में नया हेलीकॉप्टर मिलेगा। सीएम के लिए रूस से मंगवाया गया यह हेलीकॉप्टर दिल्ली पहुंच गया है, जहां इसकी टेस्ट ड्राइव होगी।
शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब नए हेलीकॉप्टर में घूमेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार को मई में नया हेलीकॉप्टर मिलेगा। सीएम के लिए रूस से मंगवाया गया यह हेलीकॉप्टर दिल्ली पहुंच गया है, जहां इसकी टेस्ट ड्राइव होगी। डीजीसीए की क्लीयरेंस के बाद इस हेलीकॉप्टर का सीएम इस्तेमाल कर पाएंगे। वहीं, कंपनी को हेलीकॉप्टर की प्रतिघंटा उड़ान के 5.1 लाख रुपये अदा किए जाएंगे। इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, इस समय सरकार के पास किराए पर लिया गया एक हेलीकॉप्टर है। सरकार इसके एवज में दो लाख रुपए प्रति घंटा किराया देती है। स्काई वन कंपनी का यह हेलीकॉप्टर (एमआई-171ए2) 24 सीटर है, जबकि अभी इस्तेमाल किया जा रहा हेलीकॉप्टर 6 सीटर है। इसलिए नए हेलीकॉप्टर का किराया महंगा है। वहीं, मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जहां कर्ज में डूब रहा है, वहीं सीएम और मंत्री ऐश-ओ-आराम में डूबे हैं। सरकार की फिजूलखर्ची की वजह से प्रदेश बर्बादी की कगार पर खड़ा है।
नया हेलीकॉप्टर 5 साल हिमाचल सरकार की सेवा में लीज पर रहेगा। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने कंपनी के साथ इस हेलीकॉप्टर को लेकर एमओयू किया है। इससे पहले पवन हंस कंपनी का हेलीकॉप्टर लीज पर था, लेकिन उसके साथ करार खत्म हो गया था। डीजीसीए से टेस्ट ड्राइव के बाद ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद यह हेलीकॉप्टर प्रदेश सरकार की सेवा में उपलब्ध होगा। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल जहां मुख्यमंत्री अपने दौरों के लिए करेंगे, वहीं यह जनजातीय इलाकों में सर्दियों में बर्फबारी से कटे इलाकों में लोगों को भी सेवाएं देगा। साथ ही इसकी सेवाएं प्राकृतिक आपदा में भी ली जाएंगी।
सीएम के लिए नया हेलीकॉप्टर लेने पर अब सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है। सोशल मीडिया पर लोग इस फैसले पर जमकर सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, मौजूदा समय में प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और ऐसे में इतने महंगे किराये पर हेलीकॉप्टर की सेवाएं लेना लोगों के गले में नहीं उतर रहा है। इससे पहले सरकार द्वारा महंगे दामों पर गाड़ियां भी खरीदी गई थीं, उस पर भी विवाद हो चुका है।