Una: बिखरे सपनों को पक्की छत दे रही मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना

Edited By Jyoti M, Updated: 10 Jul, 2025 02:40 PM

chief minister sukh aashray yojana gief un stevig daak aan verpletterde dreume

हर इंसान अपने पक्के घर का सपना देखता है, लेकिन कुछ के लिए यह सपना हालात और अभावों के बोझ तले दबकर बिखर जाता है। ऊना जिले के नंगल खुर्द निवासी 21 वर्षीय रंजीत सिंह और उनके भाई-बहनों के लिए भी अपने पक्के घर का सपना माता-पिता के असमय निधन के बाद एक...

ऊना। हर इंसान अपने पक्के घर का सपना देखता है, लेकिन कुछ के लिए यह सपना हालात और अभावों के बोझ तले दबकर बिखर जाता है। ऊना जिले के नंगल खुर्द निवासी 21 वर्षीय रंजीत सिंह और उनके भाई-बहनों के लिए भी अपने पक्के घर का सपना माता-पिता के असमय निधन के बाद एक अधूरी कल्पना बनकर रह गया था। मगर हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना से मिली सहायता के बूते उनका यह सपना अब साकार हो रहा है। योजना के तहत रंजीत को लगभग 5 मरले भूमि और गृह निर्माण के लिए एक लाख रुपये की पहली किश्त प्राप्त हुई है। अब उस जमीन पर दो कमरों, लॉबी और शौचालय सहित एक पक्के घर की नींव रखी जा चुकी है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत पात्र निराश्रितजनों को गृह निर्माण के लिए कुल तीन लाख रुपये की सहायता चार किश्तों में प्रदान की जाती है। साथ ही घर के लिए जमीन न होने की स्थिति में तीन बिस्वा तक भूमि भी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। रंजीत बताते हैं कि माता-पिता के असमय निधन के बाद उनके बड़े भाई ने पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली। 6 भाई-बहनों के इस परिवार के पास रहने को सिर्फ एक कमरा था और खाना, सोना, पढ़ना, सब कुछ उसी एक जगह पर होता था। आर्थिक तंगी इतनी गहरी थी कि उन्होंने बड़े भाई के साथ दिहाड़ी मज़दूरी शुरू कर दी, ताकि दो वक्त की रोटी जुटाई जा सके। लेकिन इस संघर्षपूर्ण जीवन में एक मोड़ तब आया, जब उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की जानकारी मिली।

रंजीत कहते हैं कि सरकार ने सिर्फ आर्थिक मदद नहीं दी, वह हमारे लिए सच्चे मायनों में अभिभावक बनकर खड़ी हुई है। इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का जितना आभार जताएं कम होगा। रंजीत की बहन इस योजना के सहयोग से सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण ले रही है और योजना में तीन भाई-बहनों को प्रतिमाह चार-चार हजार रुपये की सामाजिक सुरक्षा सहायता भी मिल रही है।

ऊना में 18 बच्चों को मिली गृह निर्माण सहायता

ऊना के जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) नरेंद्र कुमार बताते हैं कि जिले में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अब तक 18 बच्चों को गृह निर्माण के लिए पहली किश्त के रूप में एक-एक लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों को गृह निर्माण के लिए कुल तीन लाख रुपये की सहायता चार किश्तों में प्रदान की जाती है। इसके अलावा जिले में 294 बच्चों को सामाजिक सुरक्षा और स्वावलंबन गतिविधियों के लिए अब तक कुल 3.11 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी जा चुकी है।

सरकार सच्चे मायनों में बनी अभिभावक

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू हमेशा कहते हैं कि जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं, उनके लिए सरकार ही माता-पिता है। हम न केवल उनका पालन-पोषण करेंगे, बल्कि उन्हें हर वह सहायता देंगे जो एक परिवार देता है। इसी सोच से मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की शुरुआत हुई है। इस योजना में बच्चों को न केवल आवास और आर्थिक सहायता दी जाती है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कोचिंग, भोजन, वस्त्र, भत्ता और विवाह जैसी आवश्यकताओं की भी समुचित पूर्ति की जाती है। उन्हें हर महीने 4 हजार रुपये की पॉकेट मनी, कपड़ों का भत्ता और त्योहार सहयोग भी मिलता है। राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा देने वाला कानून भी पारित किया है। ऐसा करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है।

योजना का बढ़ा दायरा

जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप बताते हैं कि सरकार ने अब योजना का दायरा और व्यापक किया गया है। इसमें ट्रांसजेंडर समुदाय, परित्यक्त एवं सरेंडर किए गए बच्चे और एकल नारियों को भी शामिल किया गया है। एकल नारियों को 2500 रुपये प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा सहायता दी जा रही है।

हर पात्र बच्चे को लाभ पहुंचाने को प्रतिबद्ध प्रशासन

उपायुक्त ऊना जतिन लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की संवेदनशील सोच एवं कल्याणकारी दृष्टिकोण के अनुरूप जिला प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का लाभ प्रत्येक पात्र बच्चे तक समय पर और प्रभावी ढंग से पहुंचे। हम हर पात्र लाभार्थी को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं।

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