Edited By Jyoti M, Updated: 10 Aug, 2025 02:19 PM

कहते हैं कि भगवान बीमारी और गरीबी किसी दुश्मन को भी न दे। अगर किसी गरीब को गंभीर बीमारी लग जाए और वह कुछ भी कमाने के लायक न रहे तो ऐसे हालात में वह कहां जाए? वह कैसे अपना गुजर-बसर करे? लेकिन, अब ऐसे हालात से गुजर रहे हिमाचल प्रदेश के गरीब परिवारों...
हमीरपुर। कहते हैं कि भगवान बीमारी और गरीबी किसी दुश्मन को भी न दे। अगर किसी गरीब को गंभीर बीमारी लग जाए और वह कुछ भी कमाने के लायक न रहे तो ऐसे हालात में वह कहां जाए? वह कैसे अपना गुजर-बसर करे? लेकिन, अब ऐसे हालात से गुजर रहे हिमाचल प्रदेश के गरीब परिवारों को चिंता की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश सरकार ने गंभीर बीमारी या दुर्घटना के कारण बिस्तर या घर तक ही सीमित हो चुके असहाय लोगों के लिए मुख्यमंत्री सहारा योजना के तहत 3000 रुपये मासिक पेंशन का प्रावधान किया है।
प्रदेश भर में बड़ी संख्या में ऐसे असहाय लोगों के लिए यह योजना एक बड़ा सहारा साबित हो रही है। जिला हमीरपुर के भोरंज उपमंडल के गांव सम्मू ताल की कुसुम कुमारी के लिए भी यह योजना बहुत बड़ा सहारा बनी है। कुसुम कुमारी को कई सालों से आंखों की बीमारी थी और धीरे-धीरे उसकी आंखों के पर्दे खराब हो रहे थे। कुछ समय पहले उसकी आंखों के पर्दे पूरी तरह खराब हो गए और उसकी नजरें चली गईं। इस लाइलाज बीमारी के कारण कुसुम का जीवन अब घर तक ही सीमित रह गया। रेहड़ी लगाकर गुजर-बसर करने वाले उसके पति मदन लाल की मुसीबतें भी बढ़ गईं और परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। कालेज में पढ़ रहे बेटे की फीस के लिए भी दिक्कत होने लगी।
इसी बीच, मदन लाल को मुख्यमंत्री सहारा योजना की जानकारी मिली और उन्होंने कुसुमा को पेंशन लगवाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी तुरंत कुसुमा की मेडिकल जांच करवाई और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री सहारा योजना के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी। अब कुसुम के खाते में हर महीने 3000 रुपये आ रहे हैं, जिससे उसका अच्छा गुजर-बसर हो रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कुसुम और उनके पति मदन लाल का कहना है कि अगर यह धनराशि न मिलती तो उन्हें न जाने कितनी मुसीबतें झेलनी पड़तीं।