Edited By Vijay, Updated: 02 Aug, 2023 11:10 PM

चक्की मोड़ के पास हुए भूस्खलन से चंडीगढ़-शिमला एनएच का 50 मीटर तक नामोनिशान ही मिट गया है। वहां पर अभी भी खतरा बना हुआ है। बुधवार सुबह करीब 2:45 बजे पहाड़ से हुए भूस्खलन से वहां पर गहरी खाई बन गई है।
सोलन (नरेश पाल): चक्की मोड़ के पास हुए भूस्खलन से चंडीगढ़-शिमला एनएच का 50 मीटर तक नामोनिशान ही मिट गया है। वहां पर अभी भी खतरा बना हुआ है। बुधवार सुबह करीब 2:45 बजे पहाड़ से हुए भूस्खलन से वहां पर गहरी खाई बन गई है। इस वजह से दोनों ओर वहानों की लम्बी कतारें लगी हुई हैं। अभी भी परवाणू से लेकर कैथलीघाट तक फोरलेन की पहाड़ी के साथ लगती एक लेन 80 फीसदी तक बंद है क्योंकि पहाड़ से भूस्खलन हो रहा है और जगह-जगह चट्टानें गिर रही हैं। फिलहाल मार्ग पर 2 दिनों तक आवाजाही बंद रहेगी। वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है।
हजारों कामगार काम पर नहीं पहुंच पाए, बीबीएन के दर्जनों उद्योग बंद रहे
एनएच के बंद होने के चलते पिंजौर, परवाणू व इसके आसपास से आने वाले हजारों कामगार काम पर नहीं पहुंच पाए। इस कराण चलते बीबीएन के दर्जनों उद्योग बंद रहे व कुछ स्कूलों में स्टाफ न पहुंचने के चलते छुट्टी कर दी गई। उधर चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर शमलेच सुरंग का मार्ग बहाल हो गया है। इस सड़क मार्ग के फ्लाईओवर का एक हिस्सा जमींदोज होने की वजह से पिछले एक वर्ष से यह मार्ग बंद था।
फिलहाल वाया कुम्हारहट्टी-नैना टिक्कर होकर दिल्ली-चंडीगढ़ जाएंगी एचआरटीसी बसें
देर शाम चक्की मोड़ परवाणू में भारी बारिश के चलते पैदल मार्ग भी टूट गया। ऐसे में एचआरटीसी द्वारा चंडीगढ़, दिल्ली जाने वाली बसों को फिलहाल वाया कुम्हारहट्टी-नैना टिक्कर होकर दिल्ली व चंडीगढ़ चलाया जाएगा। डीएम शिमला पवन शर्मा ने बताया कि जब तक दूसरा मार्ग नहीं बनता इसी तरह बसें दिल्ली व चंडीगढ़ भेजी जाएंगी।
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